बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
गाय दूध देने वाला केवल प्राणी नहीं भारतीय संस्कृति की प्राण है
कैसा आश्चर्य है! भौतिकवाद की तुला पर तोलने वाले गाय को केवल दूध देने वाला प्राणी ही समझ बैठे हैं: स्वामी दिव्यानंद जी
यदि जीवन में सुगति, सुमति और बाद में सद्गति प्राप्त करनी है तो हमें गाय की भाव से सेवा और विधिपूर्वक पंचगव्य का सेवन करना चाहिए। गौ कथा के आयोजन का लाभ तभी मिलेगा, यदि इस माध्यम से गाय का वैदिक-आध्यात्मिक-पौराणिक और व्यवहारिक ज्ञान होगा, तभी गौशालाओं के रख-रखाव की व्यवस्था भी अच्छी हो पाएगी। चिकित्सा की दृष्टि से भी संपूर्ण बोध होना चाहिए। स्मरण रहे! केवल कथाएं सुन लेना – ज्ञान का आदान-प्रदान हो जाना ही पर्याप्त नहीं, उस ज्ञान का प्रैक्टीकल प्रयोग भी होना चाहिए। केवल भावनात्मक प्रवचन नहीं गौशालाओं की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहयोग के साथ-साथ विवेकी बुद्धि भी चाहिए। स्वयं परमात्मा जिनकी सेवा करने की इच्छा करते हों, वेदों द्वारा नमन और स्तुतिगान हो, जिन गैय्या मैय्या का? और आज पढ़े-लिखे लोगइसे केवल दूध देने वाला प्राणी मान लेवें? उनकी बुद्धि पर आश्चर्य होता है। ऐसे लोग केवल उपयोग भर देखते हैं। जो लोग अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम भेज सकते हों, वे उपयोगी न होने पर गायों को सड़क पर छोड़ देंवे? यह कौन सी बड़ी बात है। श्री गौधन सेवा समिति (रजि.) बहादुरगढ़ द्वारा आयोजित गौ भक्त मेला एवं कामधेनु यज्ञ में गौ-गोपाल भक्ति कथा का शुभारंभ करते हुए पूज्य गुरूदेव डॉ.स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि गौवंश संरक्षण केवल गौ हत्या निरोध कानून से नहीं अपितु हिंसा मुक्त हृदय निर्माण करके ही हो सकता है। भीतर में ही करुणा भाव जागृत हो जाए तो बाहर हिंसा संभव नहीं हो सकती। इस अवसर पर संगीता विजेंद्र राठी, मंजू राजा जून, अंजू मनोज धांगड़, किरण बाला श्रीनिवास शर्मा, सीमा सुनील राठी, शीलावंती रणवीर राठी, धर्मवीर शर्मा, सतबीर शर्मा, यशपाल दलाल, विनोद मित्तल, संतोष सुदामा तायल, लविशा, अंजलि नितीश, सुमित्रा देवी मनोज गौड़, ललित तकदीर राठी, रमेश राठी द्वारा गौदान हुआ। सोनी बंसल, अमित, संदीप आर्य, ललित यादव, संजीव मलिक, हरीश चावला ने आशीर्वाद लिया।