बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
देशभर में कोरोना संक्रमण लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। देश मे मरीजों की संख्या में भारी उफान आया है जो देश के लिए चिंता का सबब बना हुआ है परंतु इन सब के बीच कुछ अच्छी खबर भी सामने आ रही हैं जो लोगों को सकारात्मकता और उम्मीद प्रदान कर रही हैं। लोग इस खतरनाक वायरस को मात दे कर वापस भी अपनी जिंदगी में लौट रहे हैं। कोरोना के शुरुआती दिनों में कहा गया था कि इसके संक्रमण से उम्रदराज लोगों की जान बचाना काफी मुश्किल हो रहा है लेकिन आजकल कई बुजुर्ग कोरोना संक्रमण को हराकर जिंदगी की जंग जीत रहे हैं।
इन्ही में से एक हैं भारतीय सेना से सेवानिवृत्त और फिलहाल सेक्टर- 6 निवासी 95 वर्षीय जयनारायण शर्मा जिन्हें 21 अगस्त को 6 दिन बुख़ार रहने के बाद जे. जे. इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस जीवन ज्योति अस्पताल में जांच के दौरान कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए वहीं जीवन ज्योति अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था। जहां अस्पताल के संचालक दीपक खट्टर के नेतृत्व और डॉ. अरुण शर्मा की देखरेख में उनका उपचार चला। निरंतर देखरेख एवं बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की वजह से उनकी सेहत में जबरदस्त सुधार हुआ और मात्र 12 दिन के बाद उनको वापस घर भेज दिया गया। और जब 11 सितम्बर को उनका दोबारा टेस्ट हुआ तो वह बिल्कुल स्वस्थ घोषित कर दिए गए।
95 वर्ष की आयु में भी अपने अदम्य हौंसले से कोरोना को हराकर जयनारायण शर्मा ने
जिंदादिली का उदाहरण पेश किया है। जयनारायण शर्मा मूलरूप से खरहर गांव के निवासी हैं, 1970 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद से वो निरन्तर गांव और झज्जर जिले में सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहकर समाज सेवा में लीन रहे हैं। जयनारायण शर्मा ने बताया कि करोना जैसी महामारी से बचने के लिए उचित खानपान एवं सावधानियां रखना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही उन्होंने बताया कि चिकित्सीय सलाह के पश्चात जल्द ही वह प्लाज्मा डोनेट करेंगे जोकि किसी करोना संक्रमित व्यक्ति की जान बचाने के काम आ सकेगा।
