बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
पूर्ण उत्तरी बाईपास संघर्ष समिति का सतीश छिकारा के नेतृत्व में जनहित की मांगों को लेकर बामडोली मोड़ पर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना 17वें दिन शहीदों को समर्पित रहा। पूर्ण उत्तरी बाईपास संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतीश छिकारा के नेतृत्व में चल रहे धरने को पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति की जनहित की सभी मांगे जायज हैं। पूर्ण उत्तरी बाईपास संघर्ष समिति के बैनर तले भारी भीड़ के साथ लोगों ने क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की जयंती धूमधाम से मनाई। उन्होंने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करके शहीदों को याद किया। पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जनहित की सभी मांगों को जायज बताया और उन्होंने कहा कि सरकार दक्षिण की तर्ज पर बाईपास बनाए। ड्रेन के ऊपर बाईपास का नाम नही दिया जा सकता। यह बहादुरगढ़ की जीवन रेखा है इसके बनने से बहादुरगढ़ में काफी विकास होगा।
स्वार्थ छोड़ मेरे लिए जनता सर्वोपरि : सतीश छिकारा
पूर्ण उत्तरी बाईपास संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतीश छिकारा ने पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने कांग्रेश छोड़ने का ऐलान किया। सतीश छिकारा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह तन मन धन से हुड्डा परिवार के साथ है। जहाँ भी जरूरत पड़ेगी वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ हैं। वहीं उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अलविदा दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए नहीं किया बल्कि मैंने उन लोगों के खिलाफ किया है जो हल्के में कई कांग्रेसी व विपक्ष के नेता मेरे खिलाफ दुष्प्रचार करने पर लगे हैं। वह यह कहते घुम रहे है कि सतीश छिकारा अपनी राजनीति को चमकाने के लिए धरने दे रहा है और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहता है। इसलिए मैंने उन लोगों को करारा जवाब देते हुए संघर्ष समिति के बैनर तले व पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के आगे कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है। कुछ दुष्प्रचारी कांग्रेसी नेताओं व विपक्षी नेताओं को मैं बता देना चाहता हूं कि इन जनहित के मुद्दों पर मैं कोई राजनीति करने नहीं आया। पूर्ण उत्तरी बाईपास संघर्ष समिति जनहित की मांगों के लिए धरना दे रही हैं जो कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहीं। सतीश छिकारा ने कहा कि भाजपा सरकार पूर्ण उत्तरी बाईपास बनवा दे और जनहित की सभी मांगो को पूरा कर दे मुझे व्यक्तिगत रूप से राजनीति से कोई लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि मैं 25 साल से राजनीति में आया हूं। मेरा मकसद जनसेवा ही रहा हैं उसके बाद पार्टी विशेष रहा। उन्होंने कहा कि जनता ही मेरे लिए सब कुछ है। अब मैं जनहित की मांगों के लिए संघर्ष समिति का कार्यकर्ता बनकर जनता के बीच रहूँगा। मेरा सारा जीवन जनता को समर्पित हैं। निःस्वार्थ भाव से यूँही हल्के और समाज की सेवा करता रहूँगा। वही दीपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर चुप्पी साधे हुए दिखाई दिए और गाड़ी में बैठ कर चल दिए।

