बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
जनहित के विभिन्न मुद्दों को ले कर किसान नेता रमेश दलाल के नेतृत्व में शुरू किए गए हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन ने गाँव देहात का रुख कर लिया है। गौरतलब है कि दादरी व् जींद ज़िले के बाद अब बगौता (महेंद्रगढ़), मंडोरा (सोनीपत) व् खरकड़ा (मेहम चौबीसी) में भी हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले किसान धरने पर बैठ गए है। नई रणनीति के तहत, रमेश दलाल के नेतृत्व में आंदोलनकारी क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर अपने आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने में लग गए है। 25 जुलाई तक चलने वाले जन संपर्क अभियान में हरियाणा के सेंकडो गाँवों का दौरा किया जाएगा। रमेश दलाल का कहना है कि पिछले 6 महीने में उनके नेतृत्व में सफल हुए किसान आंदोलनों से स्पष्ट है कि प्रदेश में आम आदमी व् किसान अब संगठित हो गए है तथा वह किसी भी सूरत में अन्याय को बर्दाश्त नही करेंगे।
आगे की योजना के बारे में बताते हुए रमेश दलाल ने बताया कि 28 जुलाई को जींद ज़िले के किला ज़फरगढ़ गाँव में हरियाणा के सभी गाँव, व सामाजिक संगठनों की हरियाणा स्वाभिमान महापंचायत बुलाई गई है। उसी महापंचायत में आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा। हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए आज रमेश दलाल ने मांडौठी, सिलौठी, डाबौदा खुर्द, बुपनिया, दुल्हेड़ा, छुड़ानी, खरमान, मातन, रेवाड़ी खेड़ा, छारा गांव का दौरा किया तथा साथ ही 28 जुलाई की महापंचायत का भी निमंत्रण दिया। आंदोलन को बड़ी संख्या में गांवो का समर्थन मिल रहा है। शनिवार को दौरा किए गए हर गांव में लोगो ने रमेश दलाल का स्वागत किया तथा हर सहयोग देने का वायदा किया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही कि 28 जुलाई की महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे।
अपने संबोधन में रमेश दलाल ने हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन की मुख्य मांगो को लोगो के बीच में रखा। आंदोलन की मुख्य मांगे है की एस.वाई.एल नहर में से हरियाणा को अपने अधिकार का पानी मिले, धान व् बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा कर 3000 रूपये किया जाए तथा कपास का 7500 रूपये किया जाए। इसके अलावा आंदोलन में अन्य मुख्य मुद्दे होंगे राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी व् अन्य राजमार्ग/सड़क के लिए हो रहे ज़मीन अधिग्रहण में पूरे हरियाणा के किसानो को उचित मुआवजा, मेट्रो रेल का सांपला, सोनीपत, बादली व् पलवल तक विस्तार, पूरे बहादुरगढ़ ब्लॉक की आर जोन (रेजिडेंशियल जोन) की घोषणा, के.एम.पी एक्सप्रेसवे से बहादुरगढ़-झज्जर रोड पर प्रवेश व् निकास एंट्री, के.एम.पी एक्सप्रेसवे के साथ बनने वाली रेलवे लाइन के लिए ज़मीन अधिग्रहण के.एम.पी से दो एकड़ के अंदर होना चाहिए ताकि किसान की ज़मीन ख़राब ना हो और उन्हें ज़मीन का दुगना मुआवज़ा मिल सके।
जिस तरीके से किसान आंदोलन को क्षेत्र के गांवो में समर्थन मिलता दिख रहा है उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय मे आंदोलन बड़ा रूप लेगा व किसान मांगो को मनवाए बिना पीछे नही हटेंगे।
फ़ोटो कैप्शन: जनसंपर्क अभियान में संबोधित करते किसान नेता रमेश दलाल।