बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
आज हर हरियाणा वासी पानी की कमी से परेशान है। चाहे किसान के लिए सिंचाई का पानी हो या शहर में पीने का पानी, हर तरफ पानी की कमी से लोग त्राहि त्राहि कर रहे है। यह बात किसान नेता रमेश दलाल ने बहादुरगढ़ में प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए कही। रमेश दलाल का कहना है की पानी का मुद्दा हर व्यक्ति से जुड़ा मुद्दा है इसलिए अब हरियाणा की आम जनता को अपने अधिकार के लिए मैदान पर उतरना पड़ेगा। एस.वाई.एल नहर का मुद्दा उठाते हुए रमेश दलाल ने कहा कि जब तक हरियाणा को एस.वाई.एल नहर से उसके हक़ का पानी नहीं मिलेगा तब तक हमारे खेत व् आम आदमी पानी को तरसता रहेंगे। बार बार सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी एस.वाई.एल मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष में फैसला दिया जा चुका है लेकिन पंजाब मनमानी कर रहा है तथा हमे हमारा अधिकार नहीं मिल रहा है। रमेश दलाल का कहना है कि हम 50 साल से अपने अधिकार के पानी के लिए इंतज़ार कर रहे है लेकिन अब समय आ गया है की हर हरियाणा वासी को संगठित कर आंदोलन के लिए ज़मीन पर उतरा जाए। इस मुख्य मुद्दे व् खेती किसानी से जुड़े दुसरे मुद्दों को लेकर रमेश दलाल के नेतृत्व में हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन की शुरुआत कि जा रही है। रमेश दलाल ने बताया कि 28 जुलाई को जींद ज़िले के किला ज़फरगढ़ गाँव में हरियाणा स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमे प्रदेश के सभी शहरो, गाँवों, खापों, सामाजिक संगठनो इत्यादि को बुलाया जा रहा है।
आंदोलन में आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर रमेश दलाल ने बताया कि आम आदमी को जगाने के लिए विभिन्न टीमो को गठन किया गया है जो प्रदेश के कोने कोने में जा कर लोगो को संगठित करेंगी तथा आंदोलन में आगे की रणनीति का फैसला 28 जुलाई की हरियाणा स्वाभिमान महापंचायत में लिया जाएगा। रमेश दलाल का यह भी कहना है कि हरियाणा सरकार ने आम आदमी की आवाज़ को अनसुना किया तो 28 जुलाई को होने वाली महापंचायत में कोई कड़ा फैसला लिया जा सकता है। साथ ही हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन में आगरा नहर से मिल रहे कम पानी का मुद्दा भी उठाया जायेगा। रमेश दलाल ने बताया कि आगरा नहर से जो पानी का हिस्सा हमे उत्तर प्रदेश से मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है, जिस से फरीदाबाद, पलवल, मेवात पानी की समस्या से प्रभावित है। आगरा नहर के प्रबंधन समिति में हरियाणा को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, जिस से उत्तर प्रदेश सरकार पानी के मामले में मनमानी ना कर सके।
पानी के अलावा, फसल के उचित दाम की मांग, हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन का मुख्य मुद्दा होगा। धान, कपास व् बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग रखते हुए रमेश दलाल ने कहा की सरकार द्वारा दी जा रहा न्यूनतम समर्थन मूल्य तो किसान के लागत पानी के अलावा, फसल के उचित दाम की मांग, हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन का मुख्य मुद्दा होगा। धान, कपास व् बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग रखते हुए रमेश दलाल ने कहा की सरकार द्वारा दी जा रहा न्यूनतम समर्थन मूल्य तो फसल के लागत मूल्य से भी कम है। उदहारण के तौर पर, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य केवल 1815 रूपये है जबकि किसने को 2000 रूपये लागत मूल्य पड़ता है। वही बाजरे व् कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य केवल 2000 व् 5255 रुपये है। इसलिए धान व् बाजरे का 3000 रूपये व् कपास का 7500 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित करे की मंडी में पहुँचने वाला एक भी दाना समर्थन मूल्य से नीचे ना खरीदी जाए।रमेश दलाल का कहना है कि सरकार समर्थन मूल्य तो घोषित कर देती है लेकिन मंडी में किसानो को फसल समर्थन मूल्य से भी नीचे बेचनी पड़ती है, ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार कानून बना कर किसानो की पूरी फसल को समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी दे।
हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन में अन्य मुख्य मुद्दे होंगे राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी के निर्माण में हो रहे ज़मीन अधिग्रहण में आठों ज़िलों के किसानो को उचित मुआवजा, मेट्रो रेल का सांपला, सोनीपत, बादली व् पलवल तक विस्तार, पूरे बहादुरगढ़ ब्लॉक की आर जोन (रेजिडेंशियल जोन) की घोषणा, के.एम.पी एक्सप्रेसवे से बहादुरगढ़-झज्जर रोड पर प्रवेश व् निकास एंट्री, के.एम.पी एक्सप्रेसवे के साथ बनने वाली रेलवे लाइन के लिए ज़मीन अधिग्रहण के.एम.पी से दो एकड़ के अंदर होना चाहिए ताकि किसान की ज़मीन ख़राब ना हो और उन्हें ज़मीन का दुगना मुआवज़ा मिल सके।
फ़ोटो कैप्शन: पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से बातचीत करते किसान नेता रमेश दलाल।