बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बहादुरगढ़-झज्जर रोड के ऊपर से गुज़रने वाले कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर कोई प्रवेश व निकास पॉइंट ना होने के कारण बहादुरगढ़ क्षेत्र विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है। यह बात किसान नेता रमेश दलाल ने शनिवार को पत्रकारो से बातचीत करते हुए कही। रमेश दलाल का कहना है कि कोई भी प्रवेश-निकास पॉइंट ना होने के कारण हमारे क्षेत्र का बहुत भारी नुकसान हो रहा है। बहादुरगढ़ से मुख्यतः निकलने वाले दो रोड, बहादुरगढ़ को जिलों से जोड़ते है। पहला बहादुरगढ़-रोहतक रोड तथा दूसरा बहादुरगढ़-झज्जर रोड। इसलिए विकास की दृष्टि से यह दोनों रोड बहुत महत्वपूर्ण है। जहां बहादुरगढ़-रोहतक रोड पर आसौदा मोड़ पर के.एम.पी एक्सप्रेसवे में प्रवेश-निकास पॉइंट बनाए गए है वही बहादुरगढ़-झज्जर रोड पर कोई पॉइंट नही है। बहादुरगढ़ की भौगोलिक स्थिति की विशेषता के बारे में रमेश दलाल ने कहा इस पूरे क्षेत्र में बहादुरगढ़ ऐसा शहर है जो दिल्ली से बिल्कुल सटा हुआ है जिससे एन.सी.आर के विकास की दृष्टि से बहादुरगढ़ का विशेष महत्व है। ऐसे में बहादुरगढ़-झज्जर रोड पर डाबोधा खुर्द में के.एम.पी एक्सप्रेसवे पर प्रवेश-निकास पॉइंट बनाने की सख्त जरूरत है।रमेश दलाल के अनुसार पहले डाबोधा खुर्द गांव में प्रवेश-निकास पॉइंट परियोजना का हिस्सा थे लेकिन बाद में किसी कारणवश यह संभव नही हो पाया।
12 जून को किसानों व सरकार की बीच हुई उच्च स्तरीय मीटिंग में भी रमेश दलाल ने पत्र दे कर इस मांग को उठाया था। गौरतलब है कि उच्च स्तरीय मीटिंग में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व केंद्र तथा राज्य उच्च अधिकारी मौजूद थे। रमेश दलाल की मांग पर नितिन गडकरी ने जवाब देते हुए कहा कि यह काम होना चाहिए लेकिन यह काम हरियाणा सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। इसलिए नितिन गड़करी ने पत्र को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौपते हुए समस्या का समाधान करने का आग्रह किया।
प्रेस वार्ता में रमेश दलाल ने यह भी मांग उठाई की मास्टर प्लान में पूरे बहादुरगढ़ क्षेत्र को रिहायशी क्षेत्र (रेजिडेंशियल जोन ) घोषित किया जाये। ऐसा करने से आने वाले समय में बहादुरगढ़ क्षेत्र के किसानो को काफी फायदा मिलेगा। रमेश दलाल के अनुसार जो के.एम.पी एक्सप्रेसवे के साथ में 17 शहर बसाये जायेंगे उसके लिए बिल्डर्स किसानों से एफ.अस.आई के आधार पर ज़मीन लेंगे। ऐसे में अगर बहादुरगढ़ क्षेत्र को रिहायशी क्षेत्र (रेजिडेंशियल जोन ) घोषित किया जाता है तो एफ.अस.आई के आधार पर किसानो को 25-30 करोड़ प्रति एकड़ रेट मिलना तय है।रमेश दलाल ने गुरुग्राम व् नॉएडा का उदहारण देते हुए बताया कि उन क्षेत्रो में एफ.अस.आई के आधार पर किसानो को 30-50 करोड़ प्रति एकड़ रेट मिला है। साथ ही रमेश दलाल ने यह मांग भी उठाई की अगर बहादुरगढ़ क्षेत्र को औधोगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करना है तो केवल प्रदुषण रहित उद्योग ही यहाँ स्थापित किये जाए। आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर रमेश दलाल ने कहा कि अगर सरकार ने क्षेत्र की इस मांग को अनसुना किया तो क्षेत्र के लोगो को संगठित करके वह इस मुद्दे पर जल्द ही बड़ा आंदोलन करेंगे।
आज की पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से दलाल खाप प्रवक्ता कैप्टन मान सिंह दलाल, जयंत तंवर सरपंच डाबौदा खुर्द, ढिल्लू पूर्व सरपंच डाबौदा खुर्द, महा सिंह पूर्व सरपंच दुल्हेड़ा, पाण्डु मातन, दयानन्द रेवाड़ी खेड़ा, सुनील सिलौठी आदि मौजूद रहे।
फ़ोटो कैप्शन: पत्रकार वार्ता में अपनी बात रखते हुए रमेश दलाल।