बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर की 128वीं जयंती डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन सांखोल द्वारा धूमधाम से मनाई। जयंती कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। पूर्व राजदूत भारत सरकार आजाद सिंह तूर ने बाबा साहेब को नमन करते हुए बाबा साहेब के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर ने किसी जाति विशेष के लिए संघर्ष नहीं किया अपितु पिछड़े, दबे-कुचले समाज की हिमायत की और उसके उत्थान में भूमिका निभाई। आजाद सिंह तूर ने कहा कि बाबा साहेब ने सदा ही लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। बाबा साहेब का कहना था कि पांव में भले ही जूते न हो बच्चों के हाथों में किताब जरूर होनी चाहिए। फाउंडेशन के महासचिव प्रदीप तंवर ने बाबा साहेब को नमन करते हुए कहा कि संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में हम सभी को समान अधिकार प्राप्त है। प्रदीप तंवर ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन दर्शन और शिक्षा सामाजिक समरसता के लिए आज भी प्रासंगिक है। प्रदीप तंवर ने कहा कि बाबा साहब का मानना था कि मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए। फाउंडेशन के उपाध्यक्ष रण सिंह तूर, फाउंडेशन के महासचिव प्रदीप तंवर, कृष्ण तंवर, समाजसेवी सुंदर राठी, धर्मपाल राठी, दया किशन, रॉकी तंवर, परशुराम चाहर, मुकेश सिलोटी, ओम प्रकाश चाहर, सुन्नी चाहर, करण सिंह चौहान, सुजल तंवर, शशि तंवर, मुस्कान तंवर, दिव्या तंवर, वैभव तंवर, क्षितिज तंवर ने बाबा साहेब को जयंती पर नमन किया ।
फोटो कैप्शन 1,2:- जयंती पर बाबा साहेब को नमन करते हुए पूर्व राजदूत आजाद सिंह तूर व फाउण्डेशन के सदस्य।
