बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
ज़मीन अधिग्रहण के उचित मुआवज़े के लिए पिछले 20 दिन से संघर्ष कर रहे छारा गांव को आखिरकर जीत हासिल हुई। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रमेश दलाल व अधिकारियों के बीच कल शाम देर तक चली वार्ता में मुआवज़ा बढ़ाने के फैसले पर मोहर लग गई। आज पत्रकार वार्ता कर रमेश दलाल व क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सरकार द्वारा तय नए रेट की घोषणा कर दी। रमेश दलाल ने बताया कि जहां भापड़ौदा को 38.5 लाख के कलेक्टर रेट के हिसाब से मुआवज़ा मिला रहा है वही अब छारा गांव का कलेक्टर रेट बढ़ कर 40 लाख प्रति एकड़ कर दिया गया है। इस रेट के हिसाब से छारा गांव को ज़मीन अधिग्रहण में लगभग एक करोड़ 11 लाख प्रति एकड़ मुआवज़ा मिलेगा। साथ ही रमेश दलाल ने बताया कि गिरावड गांव को भी अब 40 लाख प्रति एकड़ के कलेक्टर रेट के हिसाब से है मुआवज़ा मिलेगा।
छारा गांव के किसान इस जीत के बाद उत्साहित नज़र आए व उन्होंने लड्डू बांट कर खुशी मनाई। आज की प्रेस वार्ता में शामिल होने के लिए मास्टर साहिब सिंह प्रधान छारा चौदह गामा, चौ. उमेद देशवाल प्रधान दुल्हेड़ा बारह, चौ. कपूरे प्रधान आसौदा नौ गामा, कैप्टन मान सिंह दलाल मांडौठी, आसौदा से महेंद्र व दयानंद पूर्व सरपंच, छिल्लर-छिकारा से राजकुंवर छिल्लर, संजय सरपंच खरमान, जयंत तंवर सरपंच डबोदा खुर्द, ढिल्लू पूर्व सरपंच डबोदा खुर्द, ईश्वर सिलौठी, मातन से पांडु प्रधान व बोड़ा नंबरदार, दयानंद जखौदा आदि पहुंचे थे। रमेश दलाल ने प्रेस वार्ता में बताया कि किसान कलेक्टर रेट से खुश है पर वह मुआवज़े को बढ़वा कर सवा दो करोड़ करवाने के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत अदालत का दरवाजा भी जरूर खटखटाएंगे। धरने के समापन के सवाल पर बताया गया है कि धरना अभी ज़ारी रहेगा व जल्द ही पंचायत की प्रक्रिया के अनुसार समापन की घोषणा की जाएगी।
जहां एक तरफ पत्रकार वार्ता में सभी उत्साहित नज़र आए वही पूरे मामले में श्रेय लेने के लिए हो रही राजनीतिक प्रतिस्प्रधा पर भी लोगो ने खेद जताया। भाजपा जिला अध्यक्ष बिजेंद्र दलाल द्वारा मीडिया में दिए गए बयान पर आपत्ति दर्ज की। बिजेंद्र दलाल ने दावा किया था कि किसानो के उचित रेट दिलवाने में उन्होंने अहम भूमिका अदा की है। गौरतलब है कि बिजेंद्र दलाल ने विभिन्न अखबारों को बयान दिया था कि वह शुक्रवार को धरनास्थल पर गए थे व धरनास्थल पर घोषणा की थी कि उनके प्रयासों से ही किसानों की उचित मुआवज़े की मांग को मान लिया गया है। छारा चौदह गामा के प्रधान मास्टर साहिब सिंह ने बिजेंद्र दलाल के बयान का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि बिजेंद्र दलाल शुक्रवार की बजाय गुरुवार को धरनास्थल पर आए थे व तब तक कलेक्टर रेट पर कोई सहमति नही बनी थी। कलेक्टर रेट पर आधिकारिक मोहर कल लंबी चली वार्ता में देर शाम लगी है। मास्टर साहिब ने कहा कि ऐसी स्थिति में बिजेंद्र दलाल के दावे में सत्यता नही है व उन्हें इस मामले में इस प्रकार श्रेय लेने का प्रयास नही करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की जीत का श्रेय रमेश दलाल के नेतृत्व व गांव देहात के भाईचारे व एकता को जाता है। वही कपूरे प्रधान आसौदा नौगाम व दयानंद पूर्व सरपंच आसौदा गांव का कहना था कि क्योकि आंदोलन पंचायत की देखरेख में चल रहा था इसलिए बिजेंद्र दलाल को पंचायत की अनुमति के बिना कोई भी बयान नही देना चाहिए था।