बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
जन सूचना अधिनियम 2005 को 13 साल होने के बावजूद भी आज भी अधिकारी सूचना देने में कर रहे हैं लापरवाही यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा का
राहुल मंडोरा ने बताया कि उपायुक्त महोदय जिला झज्जर को इस वर्ष 22/08/ 2018 को 4 बिंदुओं पर आरटीआई लगाकर सूचना मांगी थी
नंबर 1 झज्जर जिले में कितने राज्य सूचना अधिकारी हैं उनमें से कितनों ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की परीक्षण ट्रेनिंग ले रखी है उन सभी के नाम व किस वर्ष में ट्रेनिंग ली और कहां से ली और पूर्ण रूप से बताएं ?
उत्तर मैं किसी भी विभाग ने राज्य सूचना अधिकारी का नाम नहीं बताया
बिंदु नंबर 2 ने पूछा गया था कि झज्जर जिले में कितने प्रथम अपीलीय अधिकारी हैं उन सभी के नाम पर सहित बताएं और उन मैं से कितनों ने आरटीआई act-2005 की परीक्षण ट्रेनिंग ले रखी है किस वर्ष में ट्रेनिंग ली और कहां से ली पूर्ण रूप से बताएं
उत्तर मैं झज्जर जिले के 64 सरकारी कार्यालयों के नाम बताए गए =1 एसपी झज्जर दो डीसी झज्जर 3 एडीसी झज्जर चार उपमंडल अधिकारी झज्जर बहादुरगढ़ बेरी बादली 4 नगराधीस झज्जर 5 जिला राजस्व अधिकारी 6 जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी 7 महाप्रबंधक हरियाणा राज्य परिवहन झज्जर 8 जिला परिवहन अधिकारी 9 संपदा अधिकारी हुड्डा 10 अधीक्षक अभियंता निर्माण विभाग 11 अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग 12 अधीक्षक अभियंता जल स्वास्थ्य विभाग 13 अधीक्षक अभियंता बिजली विभाग14 अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग एवं 15 सिविल सर्जन झज्जर 16 सिविल सर्जन ईएसआई गुडगांव 17 जिला लोक संपर्क अधिकारी झज्जर 18 जिला न्याय वादी झज्जर 19 जिला शिक्षा अधिकारी झज्जर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी झज्जर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी झज्जर 22 जिला समाज कल्याण अधिकारी झज्जर 23 जिला कल्याण अधिकारी झज्जर 24 आबकारी एवं कराधान आयुक्त कर 25 जिला नगर योजनाकार झज्जर 26 जिला रोजगार अधिकारी झज्जर 27 समझौता अधिकारी झज्जर 28 कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस झज्जर जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी झज्जर प्रबंधक खादी ग्राम उद्योग केंद्र झज्जर बहादुरगढ़ सीनियर मैनेजर 32 उपनिदेशक कृषि विभाग 33 उपनिदेशक पशुपालन झज्जर 34 कार्यकारी अभियंता पंचायती राज 35 कार्यकारी अभियंता हाउसिंग बोर्ड 36 कार्यकारी अभियंता बागवानी हुड्डा विभाग 37 कार्यकारी अभियंता के एमपी राई सोनीपत 38 उप रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटी रोहतक 39 सहायक रजिस्ट्रार को पिक सोसायटी40 झज्जर co-operative बैंक41 झज्जर जीएम आईसीडीपी झज्जर42 जनरल मैनेजर एनटीपीसी झार्ली 43 प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई 40 कार्यकारिणी अभियंता हुडा बहादुरगढ़ 39 प्राचार्य राज्य के नीति झज्जर 46 प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय झज्जर बादली दुजाना दुबल्धन बहादुरगढ़ रोड 47 प्राचार्य आईटीआई गोंडा झज्जर 48 कार्यकारिणी अभियंता आर एल झज्जर पंचायत जिला उद्यान अधिकारी झज्जर 50 कार्यकारिणी अभियंता प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जादूगर कार्यकारिणी कार्यकारिणी जिला प्रबंधक विकास निगम आयुर्वेदिक अधिकारी झज्जर 55 जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी एमडी केंद्रीय सहकारी बैंक 57 लीड बैंक अधिकारी तहसीलदार 58 तहसीलदार नायब तहसीलदार झज्जर बहादुरगढ़ बेरी मात्र नेल बादली सालावास 59 नायब तहसीलदार लाइव माई सरप्लस उपायुक्त60 कार्यालय खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी बहादुरगढ़ बेरी माता नील बादली 61 जिला शिक्षा अधिकारी झज्जर 62 जिला वन अधिकारी झज्जर 63 सचिव जिला सैनिक बोर्ड झज्जर64 जिला रेडक्रॉस सोसायटी झज्जर आदि विभागों के नाम बताए गए
बिंदु नंबर 3झज्जर जिले में कितने अधिकारियों पर कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के केस चल रहे हैं सभी सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के नाम में पद सहित बताएं?
उत्तर मैं बताया गया कि 64 के 64 विभागों में किसी में भी इसे अधिकारी कर्मचारी के ऊपर कोई भी भ्रष्टाचार का केस नहीं चल रहा है
बिंदु नंबर4 झज्जरजिले में जो भी व्यक्ति कोई भी काम धंधा नहीं करता हो तो उसे हरियाणा सरकार अपराधी मांगती है यदि हां तो क्यों पूर्ण रूप से बताएं उत्तर मैं 64 के 64 विभागों के किसी भी अधिकारी द्वारा इस बिंदु का पर कोई भी जवाब नहीं दिया
सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा कहना है कि आज ही के दिन 12 अक्टूबर 2005 को देश में जन सूचना अधिनियम कानून बना था इस कानून के तहत किसी भी सरकारी कार्यालय में किसी भी कार्य की सूचना प्राप्त की जा सकती थी और भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा सकती थी लेकिन पूरे 13 वर्ष होने के बावजूद भी आज भी अधिकारियों की मनोदशा ठीक वैसी ही है जैसी कि 13 साल पहले थी आज भी अधिकारी सूचना देने में लापरवाही बरतते हैं और आवेदक को सूचना देने में देरी की जाती है या फिर जानबूझकर गुमराह व आधी अधूरी सूचना ही दी जाती है आज भी झज्जर जिले के 64 के 64 कार्यालय में से 12 कार्यालय को छोड़कर बाकी के सभी कार्यालयों के अधिकारियों ने ना तो कभी किसी तरह की आरटीआई एक्ट 2005 की ट्रेनिंग या परीक्षण लिया है ऐसा तो ठीक वैसा ही हो गया की एक फौजी को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिए बगैर ही उसे बॉर्डर पर लड़ने के लिए भेज दिया जब उसे किसी भी तरह के हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी ठीक उसी तरह ही जमीन अधिकारियों को आरटीआई act-2005 की किसी भी तरह की ट्रेनिंग इन हिंदी गई ना अधिकारियों ने ली तो यह फिर कैसे सूचना मांगने वाले आवेदक को पूर्ण वैसे ही सूचना दे देंगे मेरी तो प्रिंट मीडिया के जरिए देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी मोदी जी से प्रार्थना है कि वह अगर भ्रष्टाचार को मिटाना चाहते हैं तो उन्हें आरटीई एक्ट को मजबूत करना होगा और आरटीआई एक्ट के कानूनों को और तेज करना होगा और एक कठोर व कठिन नियम बनाने होंगे ताकि अधिकारी सूचना समय पर और सत्य है वह ठीक सूचना नहीं देने के बारे में एक बार जरूर सोचें
