बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
गाय भारत की राष्ट्रीय सम्पदा और समद्धि की पहचान रही है। सद्गृहण संस्कृति हो या ऋषि संस्कृति हो, गाय के बिना अपूर्ण है। इसलिए गौ सेवा और गोवंश की उन्नति अथवा संरक्षण यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। यू तो गौ सेवा के अनेक विधान हैं, किंतु गो ग्रास का विशेष महत्व है। केवल घास खिलाना या गाय को अन्य खाद्य पदार्थ देना ही उसे गौ ग्रास देना नहीं, अपितु गाय की प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ती करना गो ग्रास है। उसके रहने की व्यवस्था करना, गौशालाएं बनवाना, गौचारण भूमि की व्यवस्था करना, औषधि और चारे के रूप में व्यवस्था आदि। भ्रामक अज्ञानी लोगों का प्रचार तो यहींहै कि गौ ग्रास अर्थात गाय को चारा देना। ऐसी अध्ंाी धारणा का परिणाम यह निकला कि गोपाष्टमी जैसे पर्वों पर सैकड़़ों लोग अपने-अपने शहरों में एक-एक गाय को न जाने कितना अन्न या चारा खिला डालते हैं। जिससे न केवल गाय बीमार ही होती है। साथ-साथ अन्य भयंकर परिणाम भी भुगतने पड़ जाते हैं। गौधन सेवा समिति बहादुरगढ़ द्वारा सेठ राम अवतार गोयल गौ एवं वन्य जीव उपचार केन्द्र बादली रोड पर आयोजित गौ महा महोत्सव एवं कामधेनू यज्ञ में गौ कथा का शुभारंभ करते हुए पूज्य चरण गुरूदेव गीता ज्ञानेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि गौ कथा का प्रथम लाभ ही यहीं है कि इस कथा के माध्यम से हमं गाय का तात्विक ज्ञान होगा। तभी तो हमारे हदृय में गाय के प्रति श्रद्धा व सम्मान होगा। आज इस उपलक्ष्य में यज्ञ एवं गौदान हुआ। जिसमें महादेव गोयल, देवराज, उमेश खत्री, राजीव, समीर खुराना, गोपाल कृष्ण खत्री मुख्य थे। इस अवसर पर बिजेंद्र राठी, रमेश राठी, सुशील राठी, सुदामा तायल, सोनू बंसल, राजेंद्र जांगड़ा, ताराचंद, अमित आर्य, संदीप आर्य, विनोद कुमार, हरिकृष्ण मंंगले, राजेश बधवार, ललित यादव व कृष्ण चावला आदि ने आर्शीवाद लिया।
