बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
हमे केवल घर में ही गाय रख कर सेवा नहीं करनी, हमारे जीवन में भी गाय माता होनी चाहिए। आजकल बहुमंजिली इमारतों में रहने की व्यवस्था अधिक होती जा रही है। जिसके चलते हो सकता है कि हम घर में गाय न भी रख सकें किंतु यदि जीवन में गौ भक्ति, गौ सेवा का भाव जागृत हो जाये तो हम गौशाला में रह रही गायों को भी अपनी ही गाय के रूप में स्वीकार कर वहीं सहयोग भी करें और नित्य गौशाला जाकर गौदर्शन और उन्हें प्रणाम कर गौग्रास के रूप में खाद्य पदार्थ के साथ-2 और भी सेवा करें। जीवन में गाय आ जाना अर्थात जीवन का सात्विक भावों से भर जाना है। यदि सात्विक भाव होते तो गाय की इतनी महिमा को जानते हुए भी हम गायों के प्रति अपने कर्तव्य पूर्ण करने में उदासहीन न होते। गाय का रूदन तो सम्पूर्ण धरती का ही रोना है। जब-जब इस धरती पर आततायी बढ़े, पृथ्वी और तो सब पर्वत आदि के भार सहन कर सकती है किन्तु आततायियों के $दुष्कृत्यों का भार सहन नहीं कर सकती। तब पृथ्वी गाय का रूप धारण करके ही सन्तों के पास गई। देवताओं को संग में लेकर क्षीर सागर तट पर पहुंची। गौधन सेवा समिति द्वारा सेठ रामअवतार गोयल गौ एवं वन्य जीव उपचार केन्द्र बादली रोड, बहादुरगढ़ द्वारा चारदिवसीय गौ महामहोत्सव में आयोजित गौ गौदान, गौपूजन एवं गौ गोपाल भक्ति रस कथा में तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य चरण गीताज्ञानेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने करोड़ रामलीला सभा हाल, किला मौहल्ला अयोध्यापुरी बहादुरगढ़ में उपरोक्त वचन कहे। इसी उपलक्ष्य में करोड़़ रामलीला हाल किला मौहल्ला की गौकथा में पूज्य चरण गीताज्ञानेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा यह स्मरण रहे ना केवल वेदों में और अन्य धर्म ग्रन्थों में जो गौमाता की महिमा वर्णन की गई है, केवल वहीं महिमा बार-बार दोहराते रहोगे तो इससे काम नहीं चलेगा। हमे स्वयं गौवंश संवर्धन व संरक्षण के लिए आगे आना होगा। इसके लिए समाज में जागरूकता लानी होगी। गौशालाओं का संचालन नैतिक भावना से होना चाहिए। गौशाला में गौसेवा के साथ-साथ प्रशिक्षण केन्द्र, गौदुग्ध बिक्री केन्द्र आदि रचनात्मक कार्य भी होने चाहिए। सामान्य मध्यम परिवार के लोग भी शादी विवाह में केवल झूठी शान दिखाने के नाम पर भोजन व डैकोरेशन में अनाप शनाप व्यय कर डालते हैं। यदि ऐसे खर्चे कर करके गौशाला में रहने वाली गायों के भरण पोषण में दिये जायें तो गायों को कसाई के हाथों से बचाया जा सकता है । क्योकि शहरों में व्यक्तिगत रूप में गायों को पालना कठिन है, ऐसे में गौशालाओं में रहने वाली गायों का गौप्रेमी संकल्प लेवे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कान्ता शर्मा, हरिचन्द आहूजा, मनोज कुमार, पार्षदपति सुरेन्द्र चुघ, सुमिरा बन्सल, संजीव वधवा, सुभाष गांधी ने ज्योति प्रज्वलन कर आर्शीवाद लिया तथा यज्ञ यजमान रूप में राधेश्याम काबरा, रविन्द्र गुप्ता, नवीन मित्तल, अग्रवाल कॉलोनी सुधार समिति सदस्यों ने गौदान किया।
