बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वाधान मे शहर के जे जे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस जीवन ज्योति अस्पताल में कानूनी साक्षरता मिशन के अन्तर्गत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विशेष विधिक साक्षरता कैम्प का आयोेजन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज सीनियर डिविजन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजेश कुमार यादव के दिशा निर्देशानुसार किया गया। अस्पताल कीे निदेशक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ज्योति मलिक की अध्यक्षता में आयोजित इस स्पेशल कैंप में उपमंडल विधिक सेवा समिति के सदस्य सत्येन्द्र दहिया ने मुख्य वक्ता के तौर पर शिरकत की। उन्होंने अस्पताल के सभागार में अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित आम जनों से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सीधा संवाद स्थापित करते हुए कहा कि प्रति वर्ष पूरे विश्व में 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है यह दिवस पहली बार 1992 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करना है पुरुषों की अपेक्षाएं महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित हैं। आज के दौर में हर चार में से एक व्यक्ति मानसिक बीमारी से जूझ रहा है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में जीवन ज्योति अस्पताल की निदेशक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ज्योति मलिक ने कहा कि मानसिक बीमारी व्यक्ति के महसूस, सोचने एवं काम करने के तरीके को प्रभावित करती है। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। इसलिए प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। उन्होंने इस मानसिक बीमारी से बचने के उपाय के बारे में भी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आप परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करें तथा किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आपको भरोसा है। नियमित संतुलित आहार ले एवं व्यायाम करते रहे तथा समय से सोएं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर प्रशांत चौधरी व डॉक्टर प्रकाश खत्री मुख्य रूप से उपस्थित रहे उन्होंने आए हुए सभी लोगों के साथ मेंटल हेल्थ को लेकर चर्चा की व उससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया व समझाया उन्होंने बताया की आज के समाज में ज्यादातर लोग डिप्रेशन इत्यादि का शिकार हैं डिप्रेशन में आने के बाद लोग शराब व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर देते हैं शराब व अन्य नशीली पदार्थों का सेवन न करें। खुशी देने वाली गतिविधियों को जारी रखने की कोशिश करते रहे। नकारात्मक सोच और आत्म आलोचना को कोशिश कर के दूर रखें।निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर मानसिक विशेषज्ञ की मदद लें। सभागार में डॉक्टर इन्दु एवं ऑर्थो एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉक्टर अजय दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सेमिनार के अंत में पुछे गए प्रश्नो के उत्तर देकर जागरूक किया गया। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता बबीता दहिया,कमलेश बाल्याण, हॉस्पिटल के एडमिनिस्ट्रेटर दीपक कुमार सहित अस्पताल के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।



