बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
गाय को दूध देने वाला प्राणी भी ना मानकर उसे जानवर समझकर उसकी जान लेने वाले कसाई क्या समझ पायेंगे कि धर्म क्या और अधर्म क्या? इस पाप कर्म में सहयोग देने वाले स्वार्थी, लोभी पाप पुण्य की परिभाषा कया समझ पायेंगे? क्योकि जिस बुद्धि से यह सब कुछ समझा जाता है, वह बुद्धि ही जब लोभ के कारण मूढ बनी हुई है तो जब तक यथार्थ ज्ञान से इस मूढतो को नहीं हठाया जायेगा, तब तक इन घृणित कार्यों से नहीं बचा जा सकता। हमारे बुद्धिमान महापुरुष जिस गाय को भारत वर्ष की जान मानते हो, उसी गाय को भारत के कुछ शासकों ने विदेशी डालरों के लोभ में जानवर माना। इससे बड़ी निर्लज्जता क्या हो सकती है कि जिन दिनो गौवध बंद करवाने के लिए भारत में बड़े-बड़े आन्दोलन हुये, उन्ही दिनों में बूचडख़ाने खोलने के लिए लाइसेंस भी दिए गये। यह गाय माता और इसकी कृ षि व ऋषि संस्कृति ही भारतवर्ष की मूल पहचान है। यह गाय इंसान तो क्या यह देवताओं की भी भगवान है। गौधन सेवा समिति द्वारा सेठ रामअवतार गोयल गौ एवं वन्य जीव उपचार केन्द्र बादली रोड, बहादुरगढ़ द्वारा चारदिवसीय गौ महामहोत्सव में आयोजित गौ गौदान, गौपूजन एवं गौ गोपाल भक्ति रस कथा में तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य चरण गीताज्ञानेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने करोड़ रामलीला सभा हाल, किला मौहल्ला अयोध्यापुरी बहादुरगढ़ में अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि इन चर्मचक्षुुुुओं से या दुनियावी बुद्धि से गाय हमे देवमयी, वेदमयी न दिखेगी। साधारण सा दूध देने वाला प्राणी अथवा मांसाहारी लोगों को चमड़ा मांस का पिंड ही दिखाई देगा। हम अगर पवित्र हदृय से वैदिक ऋषि मुनियों की दृष्टि से देखेंगे तो गाय अमृत का मूल स्त्रोत और देव माता के रूप में दर्शन देगी। गाय के वैदिक रूप को भी पहचानों। इस अवसर पर हरियाणा सरकार में सहकारिता राज्यमन्त्री मनीष ग्रोवर भी पधारे। उन्होंने गौधन सेवा समिति को गौसेेवा के इस पुण्य कार्य के लिए शासकीय कोष से पांच लाख की धनराशि देने की घोषणा की। अपने संबोधन में सहकारिता राज्यमन्त्री ने स्वीकार किया कि सही मेें धर्र्म का पालन तब होगा जब राजनीति भी भ्रष्टाचार मुक्त होगी और देश सुरक्षित हाथों में रहेगा। इस अवसर पर स्थानीय विधायक नरेश कौशिक, यशपाल गांधी, गजानन्द गर्ग, सुशील अग्र्रवाल, मास्टर विजयपाल, राजपाल शर्मा, महताब सिंह मान, बीरमति देवी, मुकेश गुप्ता, रामचन्द्र, नारायणी देवी, कैलाश गोयल, सरदार त्रिलोचन सिंह, लक्ष्य मल्होत्रा, कार्तिक, धर्मदेवी, मनोज, आनन्द शर्मा, दीपक कादयान, मुनेश देवी, जसवंती देवी, रामलाल, भीमसेन शर्मा, समीर, रमन सुखीजा, बिमला सिंघल, रमेश राठी, बिजेंद्र राठी, सुशील राठी, नीतिश गौड, ललित यादव, सुदामा तायल, राजेन्द्र जांगड़ा, कृष्ण चावला, हरिकिशन मंगले, सुनील छिल्लर बराही, सोनू बंसल, अमित आर्य, संदीप आर्य, महावीर बधवार, राजेश बधवार सहित अनेक गोसेवक उपस्थित रहे।


