बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
वैश्य बी.एड. कॉलेज में ICSSR द्वारा संयोजित दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय “Cyber World and Its Influence On Students” रहा। सेमिनार के दूसरे दिन की अध्यक्षता की-नोट स्पीकर डॉ रेनू गुप्ता एच. ओ. डी., शिक्षा विभाग, शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा व रिसोर्स पर्सन डॉ मंजू जैन, प्रिंसिपल वैश्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, डॉ सरिता दहिया, शिक्षा विभाग, एमडीयू, रोहतक, डॉ मीना शर्मा, प्रिंसिपल, गौड़ कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने की। इन सभी बुद्धिजीवियों का अभिनंदन बहादुरगढ़ शिक्षा सभा के प्रधान श्री श्रीनिवास गुप्ता, महाविद्यालय के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल व महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा ने किया। सेमिनार का शुभारंभ मां सरस्वती वंदना व उन के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। छात्राओं ने सभी अतिथिगणों का स्वागत बड़े ही मन को मोहित करने वाले स्वागत गीत द्वारा किया। इस अवसर पर बहादुरगढ़ शिक्षा सभा के प्रधान श्री श्रीनिवास गुप्ता, महाविद्यालय के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल, प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा, कोषाध्यक्ष श्री शिव नारायण गुप्ता व वैश्य डिग्री कॉलेज के प्रधान श्री रामधन गुप्ता ने साथ मिलकर अतिथियों को स्मृति चिन्ह व तुलसी के पौधे देकर सम्मानित कर उनके आगमन पर उनका धन्यवाद किया। तत्पश्चात संस्था के सभी पदाधिकारीगणों ने महाविद्यालय की प्राचार्या को तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया और उनकी उपलब्धियों पर उन्हें बधाई दी। इसके उपरांत कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा ने कहां कि इंटरनेट हमारे जीवन में एक मार्गदर्शक का काम कर रहा है हर प्रकार की जानकारी हमें पलभर में ही मिल जाती है परंतु दूसरी तरफ यह एक खतरा भी है जो किसी भी व्यक्ति को अपूर्ण ज्ञान होने पर परेशानी में डाल सकता है। इसलिए हमें यह जानकारी फैलानी होगी कि किस प्रकार आप इंटरनेट से सकारात्मक जानकारियों को ही प्राप्त करें और इससे पैदा होने वाली समस्याओं से कैसे अपने तथा दूसरों के जीवन को बचाएं। उन्होंने सेमिनार में आए सभी रिसोर्स पर्सन, की-नोट स्पीकर का परिचय कराया तथा उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा की I ताकि भावी छात्राएं व शोधकर्ता उनके जीवन से अपना मार्गदर्शन कर पाए। उन्होंने प्रबंधन समिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह हमारा मार्गदर्शन समय-समय पर करते रहते हैं और साथ ही शिक्षण में आईसीटी के प्रयोग पर जोर देने को प्रोत्साहित करते रहते हैं। तत्पश्चात कॉलेज के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल जी ने अतिथियों के आगमन पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट व साइबर अति आवश्यक है, वर्तमान में इसके प्रयोग से जीवन सरल हो गया है। पहले पत्रों द्वारा संदेश कई दिन में पहुंचते थे पर अब कुछ सेकंड में ई-मेल के द्वारा हम अपने संदेश दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। परंतु इसका एक नकारात्मक पहलू भी है, जोकि अत्यंत घातक है। अतः हमें केवल इस क्रांति का सकारात्मक पक्ष अपनाना चाहिए। तत्पश्चात बहादुरगढ़ शिक्षा सभा के प्रधान श्री श्रीनिवास गुप्ता ने संस्था के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि 5 बालिकाओं से शुरू हुई यह संस्था निरंतर उन्नति व प्रयास करते हुए वर्तमान में हजारों कन्याओं को शिक्षित कर रही है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर शिक्षिका बनने का सफर छात्राएं हमारी संस्था में तय करती है। हमारी संस्था का लक्ष्य समाज को सशक्त, शिक्षित और संस्कारी व्यक्तित्व प्रदान करना है, जिससे राष्ट्रीय उन्नति व विकास में महिलाओं की भागीदारी सफल हो सके। इसके बाद उन्होंने सेमिनार के की-नोट स्पीकर व सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया तथा कहा कि सेमिनार का विषय वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण है। कोई भी वर्ग व स्तर इससे दूर नहीं है इसलिए ऐसी परिस्थितियों में इंटरनेट व साइबर का नकारात्मक व सकारात्मक दोनों पक्षों की जानकारी अति आवश्यक है जिससे हर व्यक्ति सुरक्षित रहे व सकारात्मक ज्ञान में वृद्धि कर पाए। इसके बाद वैश्य डिग्री कॉलेज के प्रधान श्री रामधन गुप्ता जी ने कहा कि हमें इस अविष्कार व क्रांति का प्रयोग राष्ट्र के कल्याण में करना चाहिए। इंटरनेट दुनिया को करीब लाने का साधन है। उन्होंने सभी को डिजिटल इंडिया बनाने में सहयोग करने का आह्वान किया व इसके साथ बताया कि आज आवश्कता है कि हम इसके नकारात्मकताओं पर भी ध्यान दें क्योंकि अल्प ज्ञान सभी के लिए घातक होता है। इसके उपरांत की – नोट स्पीकर प्रोफेसर रेनू गुप्ता एच. ओ. डी. शिक्षा विभाग ,शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा, ने साइबर बुलिंग पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि साइबर के अत्यधिक प्रयोग ने संवेगों को संकुचित और लिखना कम करवा दिया है। कट, कॉपी, पेस्ट ने ओरिजिनलटी खत्म कर दी है। वर्तमान में युवाओं को साइबर ट्रोल न करने में बल्कि जानकारी लेने व देने में समय लगाना चाहिए। साइबर वर्ल्ड दिखता हसीन है पर इसके पीछे सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पक्ष है ऐसे में सुरक्षित रहना व जागरूक करना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इसका हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह हमारे शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को कम करता है। आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हर वर्ग व स्तर के लोगों को ई-मेल व ऑनलाइन बैंकिंग पर भी सतर्कता दिखानी चाहिए क्योंकि हैकर्स हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सोशल मीडिया का प्रयोग ज्ञान बढ़ाने में किया जाना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा की आप सभी सही व गलत समझने में सक्षम रहे, सुरक्षित रहे ,व सावधान रहे। तत्पश्चात तकनीकी – सत्र आरंभ किया गया जिसके लिए प्रवक्ताओं, शोधकर्ताओं व विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षों में विभाजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ सुनीता शर्मा, डीन शिक्षा विभाग, जगन्नाथ यूनिवर्सिटी , डॉ मीना शर्मा, प्रिंसिपल गौड़ कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रोहतक, डॉक्टर मंजू जैन ,प्रिंसिपल वैश्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रोहतक , डॉ सरिता दहिया, शिक्षा विभाग एमडीयू, रोहतक , डॉक्टर तरुणा मल्होत्रा, वैश्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रोहतक, व डॉ गीता खुराना गौड़ कॉलेज आफ एजुकेशन रोहतक, ने की व साइबर के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों पर चर्चा की।
जिसके उपरांत लंच कराया गया तथा वेलेडिक्ट्री सेशन का आरंभ किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉक्टर इंदिरा ढुल, फॉर्मर हेड शिक्षा विभाग, एमडीयू रोहतक ने की । उनका स्वागत महाविद्यालय के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल, महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ आशा शर्मा, कोषाध्यक्ष श्री शिव नारायण गुप्ता ने तुलसी पौधा व स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर डॉ इंदिरा ढुल ने कहा कि साइबर नेटवर्किंग को साइबर वर्ल्ड में सम्मिलित किया गया है। उन्होंने नेटवर्किंग और सोशल नेटवर्किंग के बारे में बताते हुए कहा कि ऑनलाइन बैंकिंग हमारे लिए बहुत ही मददगार है। उन्होंने कहा कि हम कहीं पर भी बैठकर किसी भी समय ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं। ई-लाइब्रेरी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए बहुत ही मददगार है, जिसके द्वारा विद्यार्थी और शिक्षक अपनी किसी भी समस्या का निदान पा सकते हैं। मोबाइल एप्स ने आज एक मिनी कंप्यूटर हमारी जेब में रख दिया है। इसके लाभों के साथ इसके कुछ हानियां भी हैं इसकी वजह से परिवार के सदस्य एक दूसरे के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं उनके अंदर एक दूसरे के लिए संवेदनाएं कम होती जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि डॉक्टरों के अनुसार एक घंटा कंप्यूटर पर काम करने के बाद हमें 10 मिनट तक आराम करना चाहिए।
तत्पश्चात टेक्निकल सेशन की चेयरपर्सन डॉक्टर सरिता दहिया, शिक्षा विभाग एमडीयू रोहतक ने बताया कि साइबर की दुनिया में धैर्य रखें जो सही है, उचित है, उसे ही अपनाएं अपने और राष्ट्र के विकास में लगाएं साइबर एक चमक की तरह है, पर हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती। इसी प्रकार साइबर पर उपलब्ध हर साधन हमारे लिए हितकारी नहीं हो सकता इसलिए जो हमारे लिए उपयोगी वह उचित है, उसे ही अपनाएं ताकि आप सुरक्षित रह पाए। इसके उपरांत डॉक्टर आशा शर्मा ने सभी अतिथियों , प्रवक्ताओं व शोधकर्ताओं का सेमिनार में आने पर व अपने विचार सांझा करने पर धन्यवाद किया तथा कहा कि यह देख कर अच्छा लगा कि बुद्धिजीवी वर्ग साइबर से संबंधित नकारात्मक व सकारात्मक तथ्यों से अवगत है व समाज को जागरूक करने में आगे आ रहे हैं तथा सभी का धन्यवाद किया। अंत में सेमिनार रिपोर्ट पढ़ी गई इस अवसर पर सभी अतिथि व महाविद्यालय के टीचिंग व नान टीचिंग स्टाफ, छात्राएं व संस्था के सभी पदाधिकारीगण श्री श्रीनिवास गुप्ता जी, श्री सत्यनारायण अग्रवाल जी, श्री शिव नारायण गुप्ता जी व श्री रामधन गुप्ता जी आदि उपस्थित रहे तथा दो दिवसीय सेमिनार का सफलतापूर्वक समापन किया गया।

