बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
नगर परिषद बहादुरगढ़ में सफाई के नाम पर सरकारी खजाने की सफाई का काम चल रहा है। यह कहना है बहादुरगढ़ पार्षद संघ का। शनिवार को पार्षद संघ के प्रधान समुंद्र सहवाग के दयानन्द नगर कार्यालय पर करीब दर्जन भर पार्षद व पार्षद प्रतिनिधियों ने बताया कि इस बार इकट्ठा टेंडर लगाने की बजाय अलग-अलग टुकड़ों में टेंडर लगाये गए हैं। शहर के नालों की सफाई का इस बार अलग से टेंडर लगाया गया है। लेकिन हैरत की बात यह है कि पिछले टेंडर में जहां 34 नालों की सफाई के लिए प्रतिमाह करीब 4 लाख रुपए खर्च होने थे, वहीं इस बार 25 नालों की सफाई पर ही नगर परिषद करीब 30 लाख रुपए प्रतिमाह खर्च करेगी। पार्षद व पार्षद प्रतिनिधियों ने बताया कि परिषद के करीब एक दर्जन पार्षद इस संगठित लूट के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
शनिवार को एक पत्रकारवार्ता के दौरान बहादुरगढ़ पार्षद संघ के प्रधान समुंद्र सहवाग व प्रवक्ता सतपाल राठी ने बताया कि नगर परिषद बहादुरगढ़ ने 23 जुलाई 2018 को जॉब संख्या 748 के अंतर्गत ओपन ड्रेन क्लीनिंग एंड डिसिल्टिंग कार्य का टेंडर आमंत्रित किया था। यह टेंडर 2 अगस्त 2018 को खुलना था। इस काम की समयावधि दो साल तय की गई है और प्रत्येक वर्ष राशि में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। धरोहर राशि तीन लाख है, जो अनुमानित लागत का 10 प्रतिशत होता है। चूंकि अनुमानित लागत पूरे टेंडर में कहीं भी उल्लेखित नहीं की गई है तो इससे प्रतीत होता है कि इन कथित 25 नालों की सफाई नगर परिषद करीब 30 लाख रुपए महीने में करवाने की योजना बना चुकी है। जबकि पूर्व में दिए गए ठेके में उल्लेखित 34 नालों की सफाई पर महज करीब 4 लाख रुपए मासिक खर्च होते थे। पूर्व के ठेके में 34 नालों की सफाई का लंबाई-चौड़ाई-गहराई समेत वर्णन था, लेकिन इस ठेके में इस आंकड़े को जानबूझ कर छिपा लिया गया है तथा कई गलत नालों के नाम भी वर्णित किए गए हैं।
पूर्व पार्षद वजीर राठी व भाजपा नेता गजानंद गर्ग ने बताया कि अब छोड़े जा रहे टेंडर में नालों की पैमाइश या सफाई कर्मचारियों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है। इस टेंडर में सफाई कराने का तरीका ठेकेदार की मर्जी पर छोड़ दिया गया है। वह चाहे तो मशीन या मेनुअली सफाई करवाए। इतना ही नहीं शर्तों के अनुसार नगर परिषद इस कार्य में संलिप्त सफाई कर्मियों की उपस्थिति अथवा मशीनरी की लॉग बुक की जांच भी नहीं कर सकती। ठेकेदार की योग्यता तय करते हुए भी अनेक खामियां बरती गई हैं। क्रम संख्या 5.1 में एक वर्ष में 12 लाख रुपए का एक कार्य करने अथवा गत दो वर्षों में दो काम अनुमानित लागत के 80 फीसद के करने का अनुभव मांगा गया है तो 5.3.1.1 में गत वर्ष की टर्न ओवर 1 करोड़ 20 लाख की होनी चाहिए।
पार्षद संदीप कुमार, प्रेमचंद, मुक्की, प्रवीण राठी, सोनू हुड्डा, कपूर राठी, गुरदेव राठी, सुरेंद्र चुघ, रमन यादव, सोनू दलाल व शशि कुमार ने इसे नगर परिषद पदाधिकारियों, अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से हो रही संगठित लूट करार देते हुए कहा कि अचानक कई गुणा लागत बढ़ाना और नालों की संख्या घटाना सवाल खड़े करता है। उन्होंने मांग की है कि नालों की पैमाइश तथा सफाईकर्मियों की संख्या निर्धारित मानक अनुसार तय की जाए। लाइनपार के थाना रोड पर नाला, मितराऊ रोड पर नाला, सिविल अस्पताल के साथ नाले, सेक्टरों/औद्योगिक क्षेत्र के स•ाी नाले, मेन बाजार आदि कई प्रमुख नाले हैं, लेकिन इस सूची से गायब हैं, उन्हें शामिल किया जाए। शक्ति नगर से छोटूराम पार्क तक कोई भी नाला नहीं है। तबेले के पीछे भी कोई नाला नहीं है। सैनीपुरा के दोनों तरफ नालों के बाद पुराना मंदिर वाला कोई नाला नहीं बचा। ऐसे में उनका उल्लेख आपत्तिजनक है। पार्षदों की मांग है कि नगर परिषद ठेकेदार का फेवर लेने की बजाय जनहित में ठेके की शर्तें तथा रेट तय करें।
इन नालों की होगी सफाई
1. दिल्ली रोड बस स्टेंड से बदरो फ्लाईओवर तक दोनों तरफ।
2. झज्जर रोड पर दोनों तरफ।
3. बादली रोड पर एक तरफ।
4. शक्ति नगर से छोटूराम पार्क।
5. मेला ग्राउंड से बालौर रोड।
6. नजफगढ़ रोड वाया बस स्टेंड से शिव चौक तक।
7. बालौर रोड दोनों तरफ।
8. पटेल नगर से सेक्टर-6 तक 16 फुट रोड पर दोनों तरफ।
9. सैनिक नगर एक तरफ।
10. प्रेम नगर एक तरफ।
11. सैनीपुरा दोनों तरफ।
12. दयानंद नगर एक तरफ।
13. बाग वाला मौहल्ला एक तरफ।
14. बंबे वाले गली एक तरफ।
15. तबेले स्कूल के पीछे एक तरफ।
16. शक्ति नगर नहर के नजदीक एक तरफ।
17. रोहतक रोड एक तरफ।
18. महाबीर पार्क एक तरफ।
19. पुराना नजफगढ़ रोड पुरानी कमेटी के निकट एक तरफ।
20. लाइनपार 22 फुटा रोड दोनों तरफ, खुले नाले के समानांतर।
21. बराही फाटक लाइनपार दोनों तरफ।
22. बालौर रोड से नजफगढ़ रोड बाइपास एक तरफ।
23. सैनीपुरा पुराना मंदिर एक तरफ।
24. नाहरा-नाहरी फ्लाईओवर से मुंगेशपुर ड्रेन दोनों तरफ।
25. नप सीमा में अन्य खुले शहरी नाले।
इस बारे में क्या कहना है नगर परिषद चेयरपर्सन शीला राठी का
इस बारे में जब नगर परिषद चेयरपर्सन शीला राठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ठेके में कुछ भी गलत नहीं है। हम लोग शहर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने की दिशा में काम करना चाहते हैं लेकिन विकास विरोधी पार्षद इसमें बाधक बन रहे हैं और अनगर्ल आरोप लगा रहे हैं।
