बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श के प्रति पहचान के लिए घर से ही मार्गदर्शन मिलना चाहिए। साथ ही जिला के सभी राजकीय विद्यालय के शिक्षक भी इस विषय पर पूरी तरह संवेदनशील बने और बच्चों को इस विषय के प्रति जागरूक बनाए। उपायुक्त सोनल गोयल ने यह बात लघु सचिवालय परिसर स्थित संवाद भवन में आयोजित 3 दिवसीय बाल यौन शोषण एवं स्कूलों में सुरक्षा व पोक्सो एक्ट के प्रति जागरुकता विषय पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कही।
महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा जिला प्रशासन की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में शिक्षकों, संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों को पोक्सो एक्ट व बच्चों के साथ सदव्यवहार आदि की विशेषज्ञ व मुंबई की गैर सरकारी संस्था अर्पण की ओर से जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों से संबंधित यह ऐसा विषय है, जिसे माता-पिता को भी समझना होगा। बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की पहचान नहीं होती। साथ ही कम उम्र की वजह से परिपक्वता का भी अभाव होता है। ऐसे में घर से ही ऐसा परिवेश तैयार करना होगा कि बच्चों को सही मार्गदर्शन मिले। इस कार्यशाला के माध्यम से जिला में एक ऐसी मानव श्रृंखला तैयार होगी, जिसका समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
श्रीमती गोयल ने कहा कि बच्चों के साथ होने वाले दुव्र्यवहार के प्रति समाज को भी समझना होगा। बच्चों के साथ घटित होने वाली घटनाओं में अक्सर किसी करीबी या परिचित का हाथ होता है। गुरूग्राम और दिल्ली के स्कूलों में बच्चों के साथ हाल में घटित हिंसक घटनाओं में भी यही तथ्य सामने आया था। ऐसे में हमारी कोशिश हो कि जिला में बच्चों के प्रति एक संवेदी परिवेश का निर्माण हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।
उपायुक्त ने कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई के माध्यम से पोक्सो एक्ट के प्रति जिला में जागरुकता बढ़ी है लेकिन इसका प्रसार अधिक होना चाहिए। इस कार्यशाला के उपरांत सभी प्रतिभागी इस विषय को आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में मनोवैज्ञानिक व काउंसलर के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया जाता है लेकिन राजकीय स्कूलों के संदर्भ में यह भूमिका शिक्षकों को निभानी होगी। कार्यशाला में उपायुक्त ने पोक्सो एक्ट से संबंधित जागरुकता प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और विषय से संबंधित चर्चा में भी भागीदारी की।
इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी नीरज कुमार, सीएमजीजीए निषिता बनर्जी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी लतिका, बाल संरक्षण अधिकारी अनु, अर्पण संस्था की प्रतिनिधि दीपाली व सूरज आदि उपस्थित रहे।