बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
शुक्रवार 18 मई को बुलाई गई सामान्य बैठक को लेकर दर्जनभर पार्षदों ने प्रधान और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। पार्षदों ने बैठक के एजेंडे को लेकर कुछ सवाल बैठक से पहले ही पूछे हैं, ताकि बैठक में उनका जवाब मिल सके। इसके अलावा उन्होंने बैठक की कार्यवाही को मौके पर ही प्रोसिडिंग बुक में दर्ज करने की मांग दोहराई है।
बता दें कि कार्यकारी अधिकारी अपूर्व चौधरी द्वारा सांसद दीपेंद्र हुड्डा व विधायक नरेश कौशिक के अलावा सभी 31 पार्षदों को बैठक के एजेंडे के साथ निमंत्रण भेजा है। शहर के मुख्य स्थानों पर सोलर लाइट लगवाने के प्रस्ताव पर पार्षद संदीप कुमार, प्रेमचंद, प्रवीण राठी, समुंदर सहवाग, वजीर राठी, कपूर राठी, गुरुदेव राठी, सुरेंद्र चुघ, सतपाल राठी व शशि कुमार ने अब तक उनके वार्डों में लगवाई गई लाइटों का विवरण बैठक में लिखित में देने की मांग की है। शहर के सभी पार्क और स्ट्रीट लाइट के रखरखाव के बारे में पार्षदों ने अब तक पार्कों के रखरखाव तथा स्ट्रीट लाइट की मेंटिनेंस पर हुए खर्च का ब्यौरा विवरण लिखित में देने की मांग की है। आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत नगर परिषद में फायरमैन, ड्राइवर और कंप्यूटर ऑपरेटर के अलावा माली एवं चौकीदार लगाने के लिए नया टेंडर लगाने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने पूर्व में नियुक्त कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा और खर्चा बैठक से पूर्व बताए जाने की मांग की है। शहर में बंदरों को पकड़ने के लिए कई बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई की बजाय महज प्रस्ताव पास करने की भी पार्षदों ने आलोचना की। हाउस टैक्स का नया सर्वे करवाने के मुद्दे पर भी पार्षदों ने पूर्व में सर्वे के दौरान बरती गई अनियमितताओं से बचने के लिए मौके पर सभी संपत्तियों का सर्वे करने तथा उनकी पहचान अंकित करने की मांग की। नगर परिषद कार्यालय के लिए 2 जीप खरीदने की स्वीकृति के मुद्दे पर पार्षदों ने वर्तमान में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर चल रही जीपों के प्रयोग का विवरण मांगा है। वार्ड नंबर 1 से 31 तक विकास कार्य करवाने के मुद्दे पर पार्षदों ने गत सवा साल में उनके द्वारा बैठकों में रखे गए प्रस्तावों, पारित किए गए प्रस्तावों और उन पर लगाए गए टेंडरों तथा करवाए गए कामों का वार्डवार विवरण पार्षदों को उपलब्ध करवाने की मांग की है। साथ ही पार्षदों ने बैठक की कार्यवाही मौके पर ही प्रोसिडिंग बुक में दर्ज करने की मांग करते हुए कहा कि अब तक हुई बैठकों में एजेंडे में 20 या 30 प्रस्ताव होते हैं और प्रधान की अनुमति से प्रोसिडिंग बुक में फर्जी 80-90 प्रस्ताव चढ़ा दिए जाते हैं। उन्होंने बोर्ड की बैठक की कार्यवाही में व्याप्त फर्जीवाड़े को रोकने के लिए जिला उपायुक्त के अलावा नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से भी मांग की है।