बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
प्रगतिवादी किसान क्लब के चेयरमैन, शिक्षाविद् एवं इनेलो किसान सैल के पूर्व अध्यक्ष रहे गांव मुकुंदपुर निवासी डा. हमीद छिकारा का बुधवार की रात को निधन हो गया। वे सालभर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त थे। बृहस्पतिवार को उनका गांव के ही श्मशानघाट में दाहसंस्कार किया गया। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। डॉ. हमीद तीन बच्चों के पिता थे। उनके दो बेटे जिनमें बडा वरूण विदेश मंत्रालय में कार्यरत है तो छोटा बेटा तरूण दिल्ली में एक्साइज डिपार्टमेंट में अधिकारी है, जबकि इकलौती बेटी डॉ. बिंदु जो कि नासा में सांइटिस्ट है। डॉ. छिकारा न केवल किसानों के उत्थान बल्कि समाजसेवा के कार्यों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेते थे। गत जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भी उन्होंने बहादुरगढ़ क्षेत्र में पूरी शांति व्यवस्था बनाए रखने में अह्म भूमिका भी अदा की थी। उनकी अंतिम यात्रा में जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश छिकारा, कांग्रेसी नेता सतपाल राठी, सुरेंद्र खत्री, इनेलो नेता तेजा पहलवान, संजय दलाल, राजू दलाल के अलावा मुंडका से हरी सिंह, रवींद्र बराही, रणबीर नंबरदार, बिजेंद्र नंबरदार कानोंदा, एडवोकेट उमेद सिंह रूहिल के अलावा विभिन्न राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व अन्य संगठनों से जुड़े लोगों ने भाग लेकर उनकी आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना करते शोक-संतिप्त परिवार को ढांढस भी बंधाया। डॉ. हमीद छिकारा लगभग 53 साल के थे। उनका हंसमुख चेहरा व मिलनसार स्वभाव ही उनकी पहचान थी।
फोटो कैप्शन : डा. हमीद छिकारा (फाइल फोटो)।
