बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बहादुरगढ़ से करीब ढाई किलोमीटर दूर बालौर गांव का सरकारी स्कूल कई तरह से विशेष है। स्कूल की खासियत यह है कि बहादुरगढ़ से ढाई किलोमीटर दूर पैदल, साइकल या ऑटो से विद्यार्थी इस स्कूल में पढ़ने जाते हैं। यह अपने आप में एक अनोखी बात है क्योंकि आपने देखा होगा कि अधिकतर स्थानों पर विद्यार्थी गांवों से शहरों में पढ़ने जाते हैं। वैसे इस स्कूल में खास क्या है? इस बारे में जब हमने स्कूल की प्रधानाध्यापिका अनिता कौशिक से बात की तो उन्होंने बताया कि इस स्कूल के अंदर काफी फ्रेंडली माहौल है, टीचर बच्चों पर पढ़ाई के लिए किसी तरह का दबाव नहीं बनाते बल्कि उन्हें प्लेवे तरीके से सिखाते हैं। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ दूसरी गतिविधियों में भाग लेने का मौका देकर बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक ज्ञान बढ़ाने का भी पूरा अवसर दिया जाता है। स्कूल में बच्चों को हर तरह की फैसिलिटी मिलती है जैसे कि लाइब्रेरी, स्वच्छ पीने का पानी, स्वच्छ शौचालय तथा पेड़-पौधों की हरियाली का अच्छा साफ-सुथरा पढ़ाई के अनुकूल वातावरण। प्रधानाध्यापिका अनिता कौशिक ने बताया कि स्कूल के अंदर हर वर्ष बच्चों के हाथों पौधरोपण भी करवाया जाता है ताकि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके। बच्चों को पौधो लगाने व पौधों की देखभाल की जानकारी भी दी जाती है ताकि बच्चे पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें। कौशिक ने बताया कि स्कूल के बच्चों को समय-समय पर होने वाली जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भी भेजा जाता है तथा स्कूल के विद्यार्थी इन प्रतियोगिताओं में इनाम जीत कर स्कूल का नाम रोशन करते हैं।