बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
मंगलवार को वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय में कोविड-19 के दौरान *विज्ञान और तकनीकी का योगदान* विषय के बारे में विज्ञान विभाग के तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन करवाया गया। इस कार्यक्रम में 4 टेक्निकल सेशन हुए । जिसमें डॉ0 राजेश मलिक- असिस्टेंट प्रोफेसर इन डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री, डॉ ऋषि शर्मा – सीनियर साइंटिस्ट सी0 एस0आई0 आर0 पिलानी राजस्थान, डॉ0 राजीव कुमार- एच0ओ0डी0 मैथमेटिक्स एम0डी0 यूनिवर्सिटी रोहतक व श्रीमती दीपा कुमारी – प्रिंसिपल नेहरू कॉलेज ने मुख्य वक्ताओं की भूमिका निभाई । महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ राजवंती शर्मा ने सभी वक्ताओं का इस वेबीनार में स्वागत करते हुए कहा कि आज हम सभी कोरोना महामारी को झेल रहे हैं। व कुछ नए अनुभव भी महसूस किए हैं । आज साइंस की ही बदौलत हम प्रगति की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। साइंस की वजह से ही हम अलग-अलग शहरों में बैठकर भी, वेबीनार के माध्यम से, एक दूसरे के साथ विचार सांझा कर रहे हैं। हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं ,लेकिन हमें सकारात्मक पहलू को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना है।
इस अवसर पर एम0डी0 यूनिवर्सिटी से आए हुए डॉ राजेश मलिक ने कोविड-19 के दौरान विज्ञान और तकनीकी के महत्वपूर्ण तथ्य पर बात की। उन्होंने बताया कि एक साल पहले की बात करें, तो हमारे पास कोविड-19 के लिए कोई भी ऐसी तकनीक नहीं थी जिससे हम कोरोना को हरा सके। लेकिन हाल में ही विज्ञान ने वैक्सीन तैयार कर ली। विज्ञान की सहायता से ही आज हम कोविड-19 स्ट्रैन को पहचान पा रहे हैं, कि किस तरह का इन्फेक्शन हमारे शरीर के अंदर है।
ऑनलाइन शिक्षा विज्ञान की तरक्की का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। वायरस को मारने के लिए कौन सी दवाई सबसे अच्छी है, ऑक्सीजन के सिलेंडर को एक दूसरी जगह पर पहुंचाना भी साइंस की वजह से ही संभव हो सकता है। आरोग्य सेतु एप कोविड-19 महामारी को देखते हुए हमारे लिए बहुत लाभदायक है।
डॉ ऋषि शर्मा ने केमिकल व बायोकेमिकल के सेंसर के बारे में बताया। इन सेंसर के अंदर आई0 ऑन, सिलेक्टेड इलेक्ट्रोड और रेफरेंस इलेक्ट्रोड का उपयोग होता है, और उनमें रेडॉक्स रिएक्शन होता है। इस पर नियरेस्ट इक्वेशन लागू होती है। इन सेंसर के माध्यम से हम कोविड-19 के बारे में जान सकते हैं । आज की कोविड-19 महामारी को देखते हुए इन सेंसर की हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है।इन सेंसर को उपयोग करना भी आसान होता है। डॉ ऋषि शर्मा जी ने सी0 वी0 रमन के रमन इफेक्ट के बारे में बताया। एम0डी0यू0 के गणित विभाग के एच0ओ0डी0 डॉ0 राजीव कुमार ने कोविड-19 से बचने व कोविड-19 दौरान गणित की महता के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि पेनडेमिक दो शब्दों से मिलकर बना है। पेन+डेमीक अर्थात पेन का मतलब होता है, सभी और डेमीक का मतलब है, भीड़ भाड़। उन्होंने कैंसर, डेंगू, मलेरिया, एच0 आई0वी0 एड्स जैसी बीमारियों के बारे में भी बात की। रिप्रोडक्शन नंबर हमें बताता है कि कौन सी बीमारी कितनी घातक हो सकती है।
पी0जी0 नेहरू महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती दीपा कुमारी ने बताया कि आज के इस महामारी के युग में भौतिक विज्ञान का विशेष योगदान है ।उन्होंने भौतिक विज्ञान के संदर्भ में विभिन्न विषयों जैसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन, घर्षण, बोइसस लॉ , क्वांटम भौतिकी के बारे में संक्षिप्त जानकारी उपलब्ध कराई। साथ ही उन्होंने आज के इस महामारी भरे युग में कोविड-19 से बचने के के उपाय भी सांझा किए।
इस आयोजन में लगभग 430 छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन भौतिक विज्ञान की प्रवक्ता डॉ भारती मिश्रा के द्वारा कराया गया । इस दौरान महाविद्यालय की प्रवक्ताओं में श्रीमती ज्योति डबास, श्रीमती ज्योति देशवाल, कुमारी जयश्री, कुमारी कोमल कुमारी नेहा, कुमारी निधि, श्रीमती तमन्ना, श्रीमती प्रिया, श्रीमती स्वाति, कुमारी कनिका, कुमारी दीप्ति, श्रीमती शिखा तिवारी आदि मौजूद रही।


