बहादुरगढ आज तक, विनोद कुमार
इंडियन नेशनल लोकदल द्वारा किसान आंदोलन में शामिल किसानों को स्वास्थ्य सेवाएं धरना स्थल पर मुहैया कराने के लिए जननायक चौ.देवीलाल किसान अस्पताल का निर्माण कराया गया है। जिसमें 40 बैड की सुविधा के अलावा विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए चिकित्सकों की तैनाती भी की गई है। जो 24 घंटे किसानों के ईलाज के लिए तत्पर रहेंगे। इस किसान अस्पताल का शुभारंभ किसान नेता राकेश टिकैत व युवा इनेलो नेता व इनेलो के प्रधान महासचिव के पुत्र अुर्जन चौटाला ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने जननायक चौ.देवीलाल किसान अस्पताल खोलने पर इनेलो को बधाई देते हुए कहा कि किसान आंदोलन में जो यह स्वास्थ्य सुविधा उनके द्वारा दी जाएगी यह बहुत ही पुण्य का कार्य है। ताऊ देवीलाल व चौ.ओमप्रकाश चौटाला ने भी अपना पूरा जीवन किसानों व आम वर्ग को समर्पित रखा। अब चौ.अभय सिंह चौटाला व उनके करण व अुर्जन द्वारा भी इस परंपरा को आगे बढाया जा रहा है। साथ उन्होंने किसानों से एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा कि यह लडाई लंबी चलने वाली है इसलिए आगामी दिसंबर तक अपको डटे रहना है। इसके चाहे सर्दी आए, गर्मी, बरसात कोई सा भी मौसम आए आप लोगों को डटे रहना है। सरकार किसानों को धूप में तपा रही है जिससे किसान और मजबूती से अपनी लडाई लडेगा। उन्होंने कहा कि किसान 300 सालों तक इस आंदोलन को नहीं भूलेगा। अब यह मसला पूरे देश का बन चुका है। पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है। इसलिए सरकार को यह तीनों कृषि कानून रद्द करने होंगे और एमएसपी पर पूर्ण कानून बनाना पडेगा।
वहीं इनेलो की छात्र ईकाइ के राष्ट्रीय प्रभारी अर्जुन चौटाला ने कहा कि बार्डर पर धरने पर बैठे किसानों के स्वास्थ्य को लेकर सबसे बड़ी समस्या थी। सरकार किसानों को स्वास्थय सुविधाओं से वंचित रखना चाहती थी ताकि आंदोलन को खत्म किया जा सके । हमारी पार्टी ने फैसला किया कि जितनी ज्यादा हो सके किसानों को स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा प्रदान करेंगे। उसी कड़ी में पार्टी ने टीकरी बार्डर पर एक मैडीकल कैंप बनाने का फैसला किया जिसमें 40 बैड का अस्थाई अस्पताल बनाया गया ताकि किसानों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके । उन्होंने बताया कि अस्पताल में तीन वार्ड बनाए गए हैं जिसमें दो वार्ड जनरल के हैं और एक वार्ड महिलाओं के लिए बनाया गया है।
मैडिकल सुविधा न होने के कारण हुई किसानों की मौतों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि सरकार किसानों की मदद करना तो दूर वो यह भी मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी तरफ से किसानों को दी जाने वाली मदद में कटौती की गई है जो कि किसानों का मौलिक अधिकार है। साथ ही अर्जुन चौटाला ने कहा कि सरकार के मंत्री द्वारा किसानों को अपशब्द कहे गए जो बेहद निंदनीय है।
अर्जुन चौटाला ने विपक्ष में बैठे विधायकों को भी आड़े होथों लेते हुए कहा कि वो विधायकों वाली तनख्वाह लेने, सरकारी शुरक्षा लेने, सरकारी घर लेने में और किसानों के बीच जाकर झुठी बात कहने में उनका जमीर मान गया लेकिन किसानों के लिए इस्तीफा देनें के लिए अभी तक उनका जमीर नहीं जागा। उन्होंने कहा कि अगर वो सच में किसानों के हितैषी हैं तो इस्तीफा देकर धरने पर बैठे किसानों के बीच में आएं, किसान उनका दिल खोल कर स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि कहने वाले बहुत हैं लेकिन करने वाले सिर्फ चौ.अभय चौटाला के अलावा और कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठे विधायकों को अब यह बात चुभ रही है कि अभय सिंह चौटाला ने किसानों के पक्ष में इस्तीफा दिया क्योंकि विपक्ष के विधायक अब जब गांव में जाते हैं तो किसान उन्हें गांव में घुसने नहीं देते। इस अवसर पर किसान नेता युद्धवीर सिंह, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी, डॉ.जैस्मीन चौटाला, महेंद्र सिंह, डॉ.सेवाराम, प्रदीप गोदारा, आनंद श्योराण, जितेंद्र राठी व मोहित राठी आदि भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
