बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
विश्व जल दिवस पर रिसालों देवी फाउंडेशन अध्यक्ष सतीश छिकारा ने बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि हर साल विश्व जल दिवस की एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल की थीम “वेल्यूइंग वाटर” है, जिसका लक्ष्य लोगों को पानी का महत्व समझाना है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल पाता और फिर लोग गंदा पानी पीकर कई सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं। सतीश छिकारा ने कहा कि हमें जल का महत्व समझना होगा और जल को बचाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया को पानी बचाना कितना जरूरी है, ये हमारा मूलभूत संसाधन है, इससे कई काम संचालित होते हैं और इसकी कमी से ज्यातार क्रिया कलाप ठप हो सकते हैं। अस्तित्व पर संकट गहरा सकता है। फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश छिकारा ने कहा कि दुनिया को पानी की जरूरत से अवगत कराने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र ने ‘विश्व जल दिवस” मनाने की शुरुआत की थी। 1992 में रियो डि जेनेरियो में आयोजित पर्यावरण तथा विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED) में विश्व जल दिवस को मनाने की शुरूआत की गई थी। उन्होंने कहा कि जिसका आयोजन पहली बार 1993 में 22 मार्च को हुआ था।सतीश छिकारा ने कहा कि जल ही समस्त भौतिक वस्तुओं का कारण और समस्त प्राणी जीवन का आधार है। भारत समेत पूरी दुनिया तब से अब तक इस अमूल्य धरोहर को सहेजने में विफल रही है।
जल संरक्षण हमारा दायित्व ही नहीं, कर्तव्य भी है : सतीश छिकारा
फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश छिकारा ने कहा कि जल है तो कल है। जल संरक्षण हमारा दायित्व ही नहीं, कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि आज जल को बोतलों में भरकर बेचा जा रहा है इसीलिए वह दिन दूर नही जब जल की कमी होने के कारण जल भी पेट्रोल व डीजल की तरह बिकने लगेगा। इसीलिए जल संरक्षण में सभी वर्ग को भागीदारी निभाने की जरूरत है। इस अवसर पर अंजू देवी, स्वीटी, राजकुमार, पिंकी, सुनील अहलावत, सुरेंद्र मास्टर, शिक्षाविद पुरुषोत्तम छिकारा आदि मौजूद रहे।