बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
वैश्य बी.एड. कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष में छात्राओं ने लोगों को पोस्टर बनाकर उनके मानवाधिकारों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ विभिन्न स्कूलों में इंटर्नशिप कर रही महाविद्यालय की भावी-अध्यापिकाओं ने छात्र-छात्राओं को भी मानवाधिकारों के बारे में बताया कि मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता साथ ही भावी अध्यापिकाओं ने अनहद युवा मंच (AYM), जो एक धर्मनिरपेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और समान समाज में विश्वास रखने वाले युवाओं के लिए, और उनके लिए एक नया ढीला मंच है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का पालन करने के लिए भारत के युवाओं से अनुरोध कर रहा है कि वे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जीवन यापन करने के लिए सभी रचनात्मक साधनों का उपयोग कर मेम, पोस्टर, पेंटिंग, कविताएं लिखें, वीडियो बनाएं, ट्वीट करें, इंस्टाग्राम रील्स करें, प्रदर्शन करें, नाटक बनाएं, पैंटोमाइम बनाएं और थीम पर लिखें {मेरे सपनों का देश} हैशटैग #CountryOfMyDreams के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड करें जिसमें कि भावी अध्यापिकाओं ने फेसबुक व इंस्टाग्राम पर स्वरचित कविता,पोस्टर, वीडियो व इंस्टाग्राम रील के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलायी| इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ आशा शर्मा ने कहा कि मानवाधिकार विश्व में रहने वाले प्रत्येक मानव को एक सूत्र में बांधते है, हर मानव की रक्षा करते हों, उसे दुनिया में स्वतंत्रता के साथ जीवनयापन करने की छूट देते है। किसी मनुष्य के साथ किसी भी कीमत पर कोई भेदभाव न हो, समस्या न हो, सब शांति से खुशी- खुशी अपना जीवन जी सकें, यही मानव अधिकारों का उद्देश्य है। आज यह समय की मांग है कि लोगों को जागरूक किया जाए कि अधिकार फायदा उठाने के लिए नहीं, शांतिपूर्वक और प्यार से जीवन व्यतीत करने के लिए हैं।इस अवसर पर महाविद्यालय की एन एस एस व वाई आर सी प्रभारी श्रीमती दिव्या बंसल ने कहा कि मानवाधिकार दिवस मनाने का मकसद लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल हैं। मानवाधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता और उन्हें देने से वंचित नहीं किया जा सकता तथा इस कार्य में स्वयंसेविकायें अपना यथासंभव योगदान दे रही हैं वहीं वाई आर सी प्रभारी श्रीमती सुनीता रानी ने कहा कि देश में मानवाधिकारों की बात की जाए, तो आज भी कई लोग इसके बारे में नहीं जानते. जबकि ये अधिकार सबके लिए हैं. पिछड़े इलाकों में जागरूकता का स्तर कम है और इस कार्य में स्वयंसेविकायें अपना यथासंभव योगदान दे रही हैं| इस कार्यक्रम का आयोजन एन. एस. एस., वाई.आर.सी. इकाई, दयानंद सदन, एस.एस.क्लब व लीगल सेल द्वारा किया गया।