बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
औद्योगिक क्षेत्रों से खेती को बचाने किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हरियाणा जाट महासभा हाल ही में लागू किये गये इन किसान विरोधी अध्यादेशो का पुरजोर विरोध करती हैं। हरियाणा जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप हुड्डा ने कहा किसान व मजदूर आपस में रीड की हड्डी के रूप में कार्य करते हैं। लेकिन मौजूदा सरकार उनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ने पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में किसान विरोधी अध्यादेश लाकर किसानों पर एक ऐसा जुल्म किया है कि इससे किसान कभी भी नहीं उभर सकता जो कि सरासर गलत है। सरकार द्वारा जारी किए इन किसान विरोधी अध्यादेशो से किसान बहुत ज्यादा परेशान है।पहले ही किसान को काफी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। अभी हाल ही में आये इन अध्यादेशो ने किसान को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है।आज इस कानून के खिलाफ हरियाणा,चंडीगढ़,पंजाब व राजस्थान के किसान आंदोलन कर रहे हैं।जल्दी ही इस कानून को रद्द नहीं किया गया तो पूरे देश में इन अध्यादेशो के खिलाफ पुरजोर आंदोलन किया जाएगा। इससे सभी वर्गों का बहुत नुकसान होगा। हरियाणा को तो बहुत ही ज्यादा नुकसान होगा। क्योंकि यहां के किसान ज्यादातर खेती पर निर्भर हैं।और उनकी हालत बिहार के किसानों जैसी हो जाएगी।सरकार मजदूरों और किसानों की समस्याओं की ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि यह सरकार मजदूर और किसान विरोधी काम कर रही है।आज के दिन किसान आत्महत्या करने के कगार पर खड़े हैं।उन्हें अपनी लागत फसल का मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप हुड्डा ने कहा कि अगर सरकार ने इन आदेशों को वापस नहीं लिया तो हरियाणा के किसानो की हालत भी बिहार के किसानों से भी बदतर हो जाएगी। एक तरफ से तो करोना जैसी महामारी ने हर इंसान के काम धंधों को अपनी चपेट में ले रखा है।ऊपर से महंगाई उनकी कमर तोड़ रही है।उस पर सरकार यह गुंडा टैक्स लगाकर किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रही है।