बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
आग लगने से नष्ट हुई खड़ी फसल के मुआवज़े की मांग कर रहे किसानों के सब्र का बांध आज टूट गया। बीते सोमवार को किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने रमेश दलाल के नेतृत्व में जिला उपायुक्त से मुलाकात कर सरकार को मुआवज़े की घोषणा के लिए 2 मई तक का समय दिया था। आज वह समय सीमा समाप्त हो गई। जहां एक तरफ सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील दिखाई दे रही वही दूसरी तरफ किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है। खेतो में आग लगने के कारण ना सिर्फ खड़ी फसल नष्ट हुई है, बल्कि दो किसानों की आग से जलने के कारण मृत्यु भी हो गई है। जींद ज़िले के बधाना गांव के रामेश्वर व गोहाना के बड़ौता गाँव की मीना की खेत मे लगी आग से झुलसने के कारण मृत्यु हो गई।
भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने बताया कि किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है व प्रदेश के कोने कोने से खेत जलने से पीड़ित किसान, संघर्ष समिति से संपर्क कर रहे है। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी थी कि समय सीमा समाप्त होने के बाद 3 मई से किसान आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। सरकार से कोई सकारात्मक जवाब ना मिलने के कारण अब किसानों ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
आज रमेश दलाल ने छारा, जाखौदा व रेवाड़ी खेड़ा गांव का दौरा करके किसानों को संगठित होने का आह्वान किया। रमेश दलाल ने धरने का निमंत्रण देते कहा कि किसानों की स्थिति बहुत दयनीय है। जिन किसान परिवारों के खेत मे आग लगी है, उनका सब कुछ जल के खत्म हो गया है। ना पशुओं के लिए चारा बचा है ना घर में खाने ले लिए दाना। दलाल ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि यह परीक्षा की घड़ी है तथा ऐसे समय मे अगर हमने संगठन शक्ति नही दिखाई तो किसान- मजदूर की आवाज़ हमेशा के लिए दब जाएगी।
आसपास के गांव, 3 मई से शुरू हो रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन कर रहे है व भारी संख्या में धरने पर उपस्थिति दिखाने का आश्वासन दे रहे है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रमेश दलाल ने बताया कि आंदोलन का दायरा केवल झज्जर ज़िले तक सीमित नही है तथा पूरे प्रदेश के पीड़ित किसानों को आंदोलन से जोड़ा जा रहा है। इसी संदर्भ में 5 मई को किसानों की महापंचायत भी बुलाई गई है, जिसमे बड़ी संख्या में किसानों के हिस्सा लेने की उम्मीद जताई जा रही है।
फ़ोटो कैप्शन: रेवाड़ी खेड़ा गांव के किसानों के साथ रमेश दलाल।