बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के संविधान की रचना करते हुए भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर ने जिस तरह से शोषित और पिछड़े व्यक्ति को भी समानता का अधिकार दिया उसी का नतीजा है कि देश तेजी से तरक्की के रास्ते पर अग्रसर हो रहा है। यह बात प्रदेश कांग्रेस पंचायती राज प्रकोष्ठ महासचिव सतपाल राठी ने गांव बामनौली में डा. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य तौर पर शिरकत करते हुए कही।
कार्यक्रम का आयोजन डा. भीमराव अंबेडकर विकास समिति व ग्रामीणों की ओर से निजामपुर रोड स्थित डा. भीमराव अंबेडकर भवन में किया गया। यहां पहुंचने पर आयोजकों की ओर से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतपाल राठी का जोरदार स्वागत भी किया गया। अपने संबोधन से पहले उन्होंने बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्र्यापण करते हुए उन्हें याद किया। राठी ने कहा डा. भीमराव अंबेडकर ने बचपन से लेकर जवानी तक खूब संघर्ष किया। समाज के सभी वर्गों खासतौर पर अधिकारहीन वर्ग के लिए लगातार कार्य करते रहे। उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और उन्होंने उनका पूरा हक दिलाने का कार्य किया। सामाजिक कार्य व लोगों के उत्थान के प्रति उनके इस योगदान व देश के समग्र विकास के लिए किए गए कार्यों के चलते ही उन्हें सम्मान के तौर पर याद किया जाता है। ऐसे में सही मायने में बाबा साहेब युग दृष्टा थे। संविधान के शिल्पकारों की रचना का ही परिणाम है कि जनतंत्र में जनता सर्वोपरि है। जनता जिसे चाहती है उसे अपने प्रतिनिधित्व का मौका देती है। सतपाल राठी ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर ने संविधान की रचना करते हुए देश को नई दिशा देने का काम किया। उन्होंने लोगों से बाबा साहेब के दिखलाए सद्मार्ग पर चलने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम में महिला कांग्रेस शहरी अध्यक्ष राकेश देवी हुड्डा, अल्संख्यक प्रकोष्ठ के जिला चेयरमैन असलम खान, राजू नागपाल, मनोज हुड्डा, मनीष, मोंटी सोलधा, राहुल लडरावन समेत कई अन्य व्यक्ति व आयोजन समिति से जुड़े सदस्य एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
–फोटो कैप्शन : गांव बामनौली में हुए कार्यक्रम में डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्र्यापण कर उन्हें नमन करते हुए प्रदेश कांग्रेस पंचायती राज प्रकोष्ठ महासचिव सतपाल राठी।
–फोटो कैप्शन : गांव बामनौली में डा. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह के बाद प्रदेश कांग्रेस पंचायती राज प्रकोष्ठ महासचिव सतपाल राठी को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए आयोजक व अन्य।
