बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
डॉक्टर को हम भगवान का दर्जा देते आये हैं लेकिन व्यवसायिकता की दौड़ में आजकल यह आस्था कहीं गायब सी हो गई है। लेकिन अभी भी समाज और क्षेत्र में कुछ ऐसे चिकित्सक मौजूद हैं जो लोगों के विश्वास पर एकदम खरा उतरते हैं। शिवम अस्पताल लाइनपार के डायरेक्टर डॉ. राजीव राठी उन्ही में से एक हैं।
क्षेत्र के लाइनपार की एक अत्यंत निर्धन महिला सीमा जो घर-घर जाकर झाड़ू पोंछा का कार्य करती है उसका दसवीं कक्षा में पढ़ने वाला पुत्र दीपक बृहस्पतिवार को एक सामाजिक कार्यकर्ता धीर कुमार द्वारा शिवम अस्पताल लाइनपार में आपातकालीन हालात में भर्ती कराया गया था। उसे टीबी तथा दिमाग मे गांठ की शिकायत थी तथा लगातार दौरे पड़ रहे थे। धीर कुमार ने शहर के एक व्हाट्सएप्प ग्रुप में उसकी मदद हेतु पोस्ट डाली और तुरन्त अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव राठी जो स्वयं उस ग्रुप के मेंबर भी थे, ने अपनी दरियादिली ओर मानवतावादी सोच का परिचय देते हुए उस बच्चे के निःशुल्क ईलाज व देखरेख की संपूर्ण जिम्मेदारी अपने कन्धे पर ले ली।
अस्पताल स्टाफ द्वारा एमआरआई सहित सभी टेस्टों तथा उपचार के बाद दीपक शनिवार को तीन दिन बाद स्वस्थ होकर घर वापिस लौट गया। डॉ राठी ने महिला की आर्थिक हालात को देखते हुए न केवल बच्चे का नि:शुल्क ईलाज करवाया बल्कि इस मसले को प्राथमिकता देते हुए अपनी निगरानी में ही सभी महत्वपूर्ण टेस्ट भी करवाए। डॉ. राठी ने मरीज के परिवार की माली हालात को देखते बच्चे के पिता को भी अपने अस्पताल में रोजगार देने का भरोसा दिया। शहर के सामाजिक संगठनों ने डॉ. राजीव राठी के इस मानवीय कार्य के लिए उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा जल्द ही उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया।