बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
न्याय के इंतज़ार में पिछले 17 दिन से रमेश दलाल के नेतृत्व में चल रहे छारा गांव के किसानों की आज अधिकारियों से महत्वपूर्ण वार्ता हुई। रविवार को हुई किसान महापंचायत में किए गए आरपार की लड़ाई के ऐलान का असर साफ देखने को मिल रहा है। सोमवार को ही सरकार ने ज़मीन अधिग्रहण के मुआवज़े में सुधार के लिए अधिकारियों की समिति का गठन कर दिया था जिसे अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो दिन का समय दिया गया था। साथ ही सोमवार को ही रमेश दलाल ने उपयुक्त से मिलकर वार्ता में किसानों के प्रतिनिधि को भी शामिल करने के लिए दरखास्त लगा दी थी। मंगलवार को सरकारी अवकाश होने के कारण, बात आज पर आ टिकी थी। आज का दिन भी काफी नाटकीय रहा। किसानों को अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली वार्ता के लिए 3 बजे का न्योता मिला। रमेश दलाल के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधि मंडल वार्ता के लिए नियत समय पर पहुंच गया लेकिन अतिरिक्त उपायुक्त की अनुपस्थिति के कारण वार्ता में विलंब हुआ। बताया गया की अतिरिक्त उपयुक्त श्री सुशील सारवान किसी चुनाव संबंधी मीटिंग में व्यस्त थे। वार्ता के लिए किसानों के प्रतिनिधि मंडल में रमेश दलाल के साथ कैप्टन मान सिंह दलाल, भीम, राजेश व पप्पल पहुंचे थे। आखिरकार शाम 5 बजे किसानों के प्रतिनिधि मंडल व अधिकारियों के बीच वार्ता शुरू हुई। लम्बी चली वार्ता में रमेश दलाल ने दस्तावेज़ों व् कानूनी तर्कों के आधार पर अधिकारियों के समक्ष छारा गांव के लिए 72 लाख प्रति एकड़ कलेक्टर रेट की मांग को रखा। दलाल ने बताया की जहाँ भापड़ौदा गाँव व् गिरावड़ गाँव का प्रति अकड़ कलेक्टर रेट 38.5 लाख व् 40 लाख रूपये क्रमश: है वही छारा गाँव का कलेक्टर रेट 72 लाख प्रति अकड़ बनता है। अब समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौपेगी।
जहां एक तरफ किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके साथ न्याय करेगी वही दूसरी तरफ वह किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए भी तैयार हैं। किसानों ने रविवार को महापंचायत कर सरकार को पहले ही 22 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है। ऐसे में अब सबकी नज़र रेट सुधार के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट पर है।
वही धरने के 17वे दिन भी किसान पूरी मज़बूती से धरनास्थल पर डटे हुए व आगे की तैयारियों में जुट गए है। गौरतलब है कि सरकार से न्याय ना मिलने की स्थिति में किसान बड़ा कदम उठा सकते है। रविवार की महापंचायत में पहले ही ऐलान किया जा चुका है कि अगर सरकार ने छारा गांव के किसानों के साथ न्याय नही किया तो आंदोलन के नेता रमेश दलाल भूख हड़ताल पर बैठेंगे व बाद में जरूरत पड़ने पर किसान 28 फरवरी से रोहतक- दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली-भटिंडा रेल व गुरुग्राम नहर को रोक सकते है। महापंचायत ने रेल को रोकने की जिम्मेदारी जखौदा व आसौदा गांव को दी थी। इसी सिलसिले में कल रमेश दलाल ने जाखौदा व आसौदा गांव का दौरा किया था व लोगो को इक्कठा कर आगे की रणनीति पर चर्चा की थी। इसके जवाब में आज आसौदा व जाखौदा गांव के प्रतिनिधि धरनास्थल पर पहुंचे व छारा गांव को विश्वास दिलाया कि अगर सरकार से न्याय नही मिला तो तो जरूरत पड़ने पर दोनो गांव मिलकर दिल्ली-भटिंडा रेल मार्ग को रोकने की जिम्मेदारी को निभाएंगे। आसौदा गांव से जय सिंह प्रधान दादा भूड़ा मंदिर कमेटी, महेंद्र दलाल, दयानंद दलाल, जय सिंह, अत्रे पंडित आदि धरनास्थल पर पहुंचे थे। वही जाखौदा गांव से पहुंचने वालों में हरपाल, विक्रम दलाल, कृष्ण उर्फ भूंडू, रामकुंवार उर्फ ढीलू, दयानंद, रामफल, कपूरे, बलवान, कुलवन्ते आदि शामिल है।