बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा का कहना है कि 13/09/2017 को नगर परिषद बहादुरगढ़ को आरटीआई लगाकर 6 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी जिसमें एक बिंदु तो यह भी था कि नाहरा नाहरी रोड पर हाई स्कूल के गेट के साथ बना पब्लिक शौचालय किस वर्ष में बना उस पर कितना खर्चा लगा और किस ठेकेदार ने से उसे बनाया टेंडर की सर्टिफाइड छाया प्रति मांगी थी लेकिन नगर परिषद अधिकारियों का आरटीई एक्ट 2005 के प्रति लापरवाही का आलम यह है कि उन्होंने उल्टा ही आवेदक से ही पूछा कि आप ही बताएं कि यह शौचालय किस वर्ष बना था ताकि हम आपको भी सूचना दे सकें अधिकारियों ने एक बार भी इस बने शौचालय के पास जाकर नहीं देखा कि इस शौचालय के बाहर उद्घाटन पत्थर लगा हुआ है जिस पर लिखा हुआ है कि इस शौचालय का उद्घाटन 14/02/2016 को बीजेपी के विधायक नरेश कौशिक ने किया था प्रथम अपील करने के बाद तब कहीं जाकर नगर परिषद के लापरवाह अधिकारियों ने बताया कि शौचालय का निर्माण2015 डी प्लान के तहत किया गया था जिस पर पांच लाख साठ हज़ार रुपए खर्चा किया गया यह मिलने के बाद नगर परिषद अधिकारियों पर शका का पैदा होने का कारण यह भी है कि इसी शौचालय की दीवार पर स्पॉन्सर बाय आईडीबीआई बैंक का लोगो लगा देखा तो आश्चर्य हुआ और 11/0 9/18 EO के नाम लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज करवाई की जब हरियाणा सरकार ने दी प्लान के तहत ₹560000 में इस शौचालय का निर्माण करवाया है तो किस कारण आईडीबीआई बैंक का स्पॉन्सर की सूचना पटिका लगी हुई है यदि इस बैंक ने ही पूरी राशि दी है तो हरियाणा सरकार द्वारा खर्च की गई धनराशि को वापस कर दिया जाए अन्यथा बैंक द्वारा लगाया गया स्पॉन्सर सूचना पटिका को तुरंत हटवाए और हमारी लिखित आपत्ति पर कार्रवाई करते हुए नगर परिषद अधिकारियों ने आईडीबीआई बैंक के स्पॉन्सर सूचना पट्टी मिटवा दी शौचालय के निर्माण में कहीं ना कहीं घोटाला की बू आ रही थी तब हमने एडीसी कार्यालय झज्जर को आरटीआई लगाकर इस निर्माण के बिल सहित सूचनाएं मांगी तब 19/01/19 को मिली सूचना आश्चर्य पैदा करती है कि छोटे से शौचालय पर सेशन राशि ₹560000 पास हुई जिसमें की ₹544000 खर्च किया गया और इस छोटे से शौचालय को बनाने में सीमेंट के 285 कट्टे लगाए गए जो कि एक छोटे शौचालय के निर्माण में कहीं से भी अधिक दिखाई दे रहे हैं सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट राहुल मंडोरा ने बताया कि हैरत की बात यह है कि सीमेंट के 108 बैग शौचालय के निर्माण के 8 महीने पहले ही खरीद किए गए और 177 बैग सीमेंट के 8 महीने बाद खरीदे गए जिससे यह प्रतीत होता है कि नाहरा नाहरी रोड पर बने इस शौचालय के निर्माण में षडयंत्र और प्लानिंग के साथ सभी कायदे कानून को एक तरफ रख कर नकली बिलो के सहारे नगर परिषद के अधिकारियों ने मिलीभगत करके अपनी जेब भरने का ही काम किया है और तो और शौचालय में लगाया गया समरसेबल जिसकी केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है बिना अनुमति लिए ही नियमों की अवहेलना करके यह समरसेबल लगवा दिया गया और तो और इस समर्सिबल को चलाने के लिए बिजली की भी सरेआम चोरी की जा रही है और बिना बिजली मीटर के ही बिजली खर्च की जा रही है और तो और शहर का बिजली विभाग भी अपनी आंखें इस ओर से बंद किए बैठा है सामाजिक कार्यकर्ता राहुल मंडोरा का कहना है किस तरह बहादुरगढ़ शहर की जनता के गाढे खून पसीने की टैक्स की कमाई को भ्रष्टाचार की भेंट नगर परिषद अधिकारियों ने चढ़ा दिया।
