बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
उपमंडल विधिक सेवाएं समिति एवं एजिलो फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में शहर के एचएसआईआईडीसी सेक्टर 4 स्थित फुटवियर कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षणार्थियों एवं कर्मचारियों को कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न बारे कार्यशाला का आयोजन आज दिनांक 16 जनवरी को किया गया । संस्थान के सेन्टर हैड आनंद तिवारी ने की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में एजिलो फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में उपमंडल विधिक सेवाएं समिति के सदस्य सत्येंद्र दहिया एवं एडवोकेट अंजू राठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की । यह कार्यक्रम भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मार्गदर्शन में कार्यस्थल पर होने वाले महिला यौन उत्पीड़न के बारे में विस्तार से जानकारी देने तथा इसकी रोकथाम के उपायों के साथ साथ विभिन्न कानूनी पहलुओं पर भी जागरूक करने के लिए आयोजित किया गया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एजिलो फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय शर्मा ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, लैंगिक समानता, जीवन और स्वतंत्रता को लेकर महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है। कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए अनुरूप वातावरण न होने की स्थिति में उनके लिए वहां कार्य करना मुश्किल हो जाता है और अगर ऐसे में यौन उत्पीड़न होता है तो महिलाओं की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस वजह से देश की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और उनके समावेशी विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कार्यशाला में उपस्थित पैनल एडवोकेट अंजू राठी ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को जबरन परेशान करना, उनके साथ अश्लील बातें करना और छेड़छाड़ करना, शरीर को छूने का प्रयास करना, गंदे इशारे करना आदि यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 354 (क)(ख)(ग)(घ) व धारा 509 के तहत 1 वर्ष से 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उपमंडल विधिक सेवाएं समिति के सदस्य सत्येंद्र दहिया ने यौन उत्पीड़न के लिए बनाए गए कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 पर प्रकाश डालते हुए कार्यस्थल पर महिलाओं पर होने वाले यौन शोषण शिकायत निवारण तंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम महिलाओं के समानता के मौलिक अधिकारों की पुष्टि करता है जिसके अंतर्गत उन्हें पूरी गरिमा और अधिकार के साथ समाज में रहने, किसी व्यवसाय व व्यापार या कार्य करने की स्वतंत्रता है जिसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(छ) के तहत प्रदान किए गए नियम के अनुसार कार्यस्थल का वातावरण पूरी तरह सुरक्षित और यौन शोषण रहित होना भी शामिल है तथा यह हम सभी की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने वाली प्रशिक्षणार्थियों मीनाक्षी, रेखा और सीमा को जूट बैग देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर ट्रेनर दीपक गहलावत एवं सुरेंद्र सिंह तथा कोऑर्डिनेटर भावना सहित काफी संख्या में प्रशिक्षणार्थी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में सेंटर हेड आनंद तिवारी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया तथा भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित करते रहने की आवश्यकता बताई।
