बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
नगर परिषद बहादुरगढ देश की पहली ऐसी नगर परिषद है जहां कांग्रेस-भाजपा का गठबंधन है और यह गठबंधन विकास, भाईचारे व अमन के लिए नहीं बल्कि पार्षदों को डराने-धमकाने एवं नगर परिषद के पैसों का दुरुपयोग करके घोटाले व भ्रष्टाचार फैलाने के लिए है। क्योंकि जिस तरह का व्यवहार 7 दिसंबर की मिटिंग में अनुसूचित जाति के पार्षद के साथ किया गया उसकी जितनी निंदा व भत्र्सना की जाए, उतनी कम है। यह बात आज पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
आज प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व विधायक ने कहा कि 1875 में नगर पालिका बनी थी। लेकिन आज तक इस तरह की घटनाएं नहीं हुई थी। नगर परिषद में कांग्रेस-भाजपा गठबंधन की वजह से ना तो किसी बहादुरगढ वासी को आरटीआई में सूचना मांगने पर सूचनाएं समय पर दी जाती है और ना ही किसी पार्षद को संबंधित कागजात दिए जाते है, बल्कि इनके घोटालों की जांच की मांग करने वालों पर या तो झूठे मामले दर्ज होते है या फिर इन्हें डराया व धमकाया जाता है। जबकि कानून के अनुसार कोई भी बहादुरगढवासी नगर परिषद से सूचना के अधिकार के तहत कोई भी दस्तावेज ले सकता है। लेकिन स्थानीय विधायक व कांग्रेस चेयरपर्सन के इशारे पर आरटीआई लगाने के बाद भी जानबूझकर रिपोर्ट नहीं दी जाती।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होने की बजाय जो इनके भ्रष्टाचार को उजागर करता है उनके खिलाफ ही कार्यवाही की जाती है। 100-100 करोड के जमीनी घोटाले सरेआम किए जा रहे है लेकिन उनके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। नायब तहसीलदार व नगर परिषद के अधिकारियों ने कार्यवाही में जानबूझकर ढिलाई बरत के जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे कराए उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। बहादुरगढ के हालात ऐसे है कि खुद स्थानीय विधायक अपने ऑफिस पर एक सब इंस्पेक्टर को बुलाकर आला अधिकारियों की मौजूदगी में पीटते हैं और इसकी रिपोर्ट रपट रोजनामचे में आज भी दर्ज है। उसके बावजूद आला अधिकारी दबाव बनाकर उस पुलिसकर्मी का राजीनामा लिखवा कर उसे कुछ दिन की छुट्टी पर भेज कर ट्रांसफर कर दिया जाता है। राठी ने कहा कि पिछले दिनों एक अनुसूचित जाति के सफाई कर्मचारी के ऊपर हाथ उठाने की वजह से सफाई कर्मचारियों ने 18 दिन तक हडताल की, क्योंकि भाजपा के एक नोमिनेट पार्षद द्वारा सफाई कर्मचारी को पीटा गया था। उस मामले में भी गरीब कर्मचारियों के बिजली के कनेक्शन कटवाए गए, नाजायज दबाव बनया गया एवं उसके बाद उन गरीबों पर दबाव बना कर राजीनामा करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि वेस्ट जुआं ड्रेन पर चल रहे कार्य में भी भेदभाव बरता जा रहा है और भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है। सरकार के चहेतों के अवैध कब्जों को तोडा नहीं जा रहा, जबकि गरीबों के आशियाने को तुडवाया जा रहा है। इस मौके पर पार्षद संदीप कुमार, पार्षद गुरुदेव राठी, पार्षद रमन यादव, पार्षद पुत्र रोहित उर्फ काली, पार्षद शशि कुमार, पार्षद पति अजय उर्फ सोनू दलाल, पार्षद पति कपूर सिंह राठी, रामनिवास सैनी, सोनू सैनी, कुलदीप राठी, जगबीर सुहाग, हरिओम प्रधान, कुलविंद्र, महावीर भूरा, रतन सिंह मोर, सुनील नंबरदार, ईश्वर छिल्लर, मदरुप राठी व बलबीर सांगवान आदि भी मौजूद रहे।