बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
बहादुरगढ में लगातार सुर्खियों में रहे 100 करोड के जमीनी घोटाले मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है और आज भी उस जमीन पर अवैध निर्माण ब-दस्तूर जारी है। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन यह बयानबाजी कर रहे है कि जब से भाजपा की सरकार आई है उस दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ है और ना ही गुंडागर्दी हुई है। जबकि बहादुरगढ में स्वयं भाजपा के लोग जमीन घोटाले में शामिल है और कर्मचारियों से मारपीट कर गुंडागर्दी कर रहे है। जिससे साफ हो जाता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लोगों को झूठी बयानबाजी कर बरगलाने का काम कर रहे है। इसी संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व अधिकारियों को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही की मांग की है। यह बात आज पूर्व विधायक व इनेलो वरिष्ठ नेता नफे सिंह राठी ने पत्रकारों से बातचीत में कही।
आयोजित पत्रकारवार्ता में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी ने कहा कि उन्होंने 26.12.2017 को भी हरियाणा सरकार के अधिकारियों समेत माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा के अलावा 18 अधिकारियों व मंत्रियों को एक शिकायत भेजी थी। इसके बाद इस विषय को हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता माननीय चौ.अभय सिंह चौटाला ने भी 3 व 4 मार्च 2018 को यह मामला अधिवेशन में उठाया था। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने विधानसभा सत्र में ही इस मामले में उचित जांच का आश्वासन दिया था और यह कहा था कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसको नहीं बख्शा जाएगा। इसके बावजूद सरकारी जमीनों जिसका खसरा नंबर-2337मिन व 2338-1 है उस पर अवैध निर्माण जारी रहा और दुकाने बनवा दी गई थी। तब यह मामला माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी दायर किया गया था और माननीय हाईकोर्ट ने सीडब्ल्यूपी नंबर- 8998-2018 नफे सिंह राठी-स्टेट ऑफ हरियाणा को दिनांक 16 अप्रैल 2018 द्वारा डाले गए आदेश में सरकार को आदेश दिया कि चार सप्ताह के अंदर इसकी जांच करवाई जाए। सरकार ने एडीसी झज्जर की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
राठी ने कहा कि जब उन्होंने इसकी शिकायत माननीय मुख्यमंत्री, मंत्रियों समेत उच्चाधिकारियों को की। उस समय तक लगभग पांच-छह रजिस्ट्रियां करवाई गई थी और करवाई गई रजिस्ट्रियों में खसरा नंबर-2331, 2335 व 2336 दर्शाया गया था। जो रजिस्ट्रियां करवाने वालों की निजी मलकियत है। जबकि कब्जा खसरा नंबर-2337मिन व 2338-1 में दिया गया है,जो नगर परिषद व हरियाणा सरकार की जमीन है। इस बात को लेकर बहादुरगढ मे ंहजारों लोगों ने इक_े होकर 19 जनवरी को विशाल रोष प्रदर्शन किया था। इस दौरान दिनांक 12 मार्च 2018 को गैर कानूनी तरीके से तीन लोगों के हक में पुरानी की गई रजिस्ट्रियों का हवाला देकर तबादला रजिस्ट्रियां करा दी गई। जिस पर जांच कमेटी ने सर्वसम्मति से तबादला रजिस्ट्रियों को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए गलत करार दिया तथा नायब तहसीलदार बहादुरगढ तथा रजिस्ट्री क्लर्क को दोषी ठहराते हुए विभागीय कार्यवाही करने के लिए कहा गया। नगर परिषद बहादुरगढ के अधिकारियों ने पांच दुकानों के नक्शे पास कर दिए थे। लेकिन 19 जनवरी 2018 को विशाल रोष प्रदर्शन के बाद उनको रद्द करना पडा। लेकिन जब तक अवैध निर्माण का डीपीसी लेवल तक ही काम हुआ था। नक्शे रद्द होने के बाद अवैध तरीके से तामिर कराने का काम नगर परिषद व पुलिस एवं राजनीतिक लोगों के सहयोग से जारी रहा।
उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत डीसी झज्जर से जानकारी मांगी गई थी जिसमें दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई। केवल नायब तहसीलदार बहादुरगढ श्रीभगवान के खिलाफ विभाग को लिखा गया है व रजिस्ट्री क्लर्क गणेश के खिलाफ कार्यवाही का नोटिस दिया गया है। जबकि नगर परिषद के अधिकारियों के खिलाफ जिन्होंने उसका नक्शा पास किया था तथा 19 जनवरी 2018 को रद्द करना पडा था। उसके बाद ही दुकानों को तीन मंजिला बनाने का काम अवैध तरीके से करवाने में नगर परिषद के अधिकारियों का पूरा हाथ रहा है और अब तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। इसके साथ-साथ मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जिन्होंने रजिस्ट्रियां करवाकर गलत जगह सरकार की जमीन पर कब्जा करवाया तथा कब्जा लेने वालों व देने वालों के खिलाफ और इस घोटाले के साजिशकर्ता व इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों व राजनीतिक लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सबके खिलाफ उचित सिविल, फौजदारी व विभागीय कार्यवाही की जावे तथा खसरा नंबर-2338-1 व खसरा 2337 मिन पर किए गए अवैध कब्जे को तुरंत सील किया जाए।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बहादुरगढ में प्राइमरी स्कूल जो रेलवे रोड बहादुरगढ में स्थित है। उस पर भी इसी मनोनीत पार्षद ने एक साजिश के तहत कब्जा कर लिया था तथा छोटी-छोटी 250 के लगभग कन्याओं को स्कूल से बाहर करके ताला लगा दिया था। इस जमीन पर भी कब्जा करने की नीयत से ऐसा किया गया था। जिसकी कीमत बाजारी भाव से लगभग 400 करोड रुपये बनती है, तब बहादुरगढ के लोगों ने इसका भारी विरोध किया था व मैंने भी वैश्य एजुकेशन संस्था के साथ मिलकर आवाज उठाई थी और माननीय मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद ताले को तोडा गया था।
राठी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उक्त पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्यवाही की जानी चाहिए। इस अवसर पर पार्षद रमन यादव, पार्षद शशि कुमार, पार्षद पुत्र रोहित, रामनिवास सैनी, सोनू सैनी, रतन सिंह मोर, महावीर, कुलदीप राठी, रवि खत्री, देवेंद्र दहिया, विनय राणा, आकाश भारद्वाज, ईश्वर आदि भी मौजूद रहे।
