बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
वैश्य बी.एड. कॉलेज में ICSSR द्वारा संयोजित दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय “Cyber World and Its Influence On Students” रहा जो कि वर्तमान में चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि वर्तमान में सभी वर्गों द्वारा साइबर का प्रयोग विलासिता ना होकर आवश्यकता है तथा इसके प्रयोग में सतर्कता और सुरक्षा अनिवार्य है। सेमिनार के प्रथम दिवस की अध्यक्षता Professor B.P. Bhardwaj, Department of Teacher Education NCERT, Delhi तथा सेमिनार की-नोट स्पीकर डॉक्टर प्रोमिला बत्रा department of Psychology, MDU Rohtak तथा सेमिनार के गेस्ट ऑफ ऑनर प्रोफेसर जितेंद्र कुमार H.O.D. शिक्षा विभाग, एमडीयू, रोहतक व डॉ हेमंत लता शर्मा पूर्व अध्यक्ष शिक्षा विभाग एमडीयू, रोहतक ने की। इन सभी बुद्धिजीवियों का अभिनंदन महाविद्यालय के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल व महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा ने किया। सेमिनार का शुभारंभ मां सरस्वती वंदना व उन के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया गया। छात्राओं ने सभी अतिथिगणों का स्वागत बड़े ही मन को मोहित करने वाले स्वागत गीत द्वारा किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा ने श्री राधे श्याम काबरा, श्री शिव नारायण गुप्ता, श्री एस. के. अग्रवाल, श्री पवन गोयल, श्री एम सी जोशी, श्री रोशन लाल गर्ग, श्री इंद्र कुमार नागपाल जी, श्री सुरेश अग्गरवाल, प्रवीण बंसल व मोहित अग्रवाल व महाविद्यालय के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल के साथ मिलकर अतिथियों को स्मृति चिन्ह, फटका , मनको की माला व तुलसी के पौधे देकर सम्मानित कर उनके आगमन पर उनका धन्यवाद किया। इसके उपरांत कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा ने कहां कि इंटरनेट आज हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। माउस के केवल एक क्लिक पर हमें विश्व भर की सारी जानकारी प्राप्त हो जाती है। उन्होंने सेमिनार में आए सभी रिसोर्स पर्सन, की-नोट स्पीकर का परिचय कराया तथा उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से चर्चा की I ताकि भावी छात्राएं व शोधकर्ता उनके जीवन से अपना मार्गदर्शन कर पाए। तत्पश्चात कॉलेज के प्रधान श्री सत्यनारायण अग्रवाल जी ने अतिथियों के आगमन पर धन्यवाद दिया तथा अपने महाविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि किसी प्रकार से हमारा महाविद्यालय छात्राओं के कल्याण में अग्रसर है और नित नए प्रयास करते रहते हैं। जिससे समाज की महिलाएं समाज कल्याण में योगदान देकर अपने आप को प्रतिष्ठित स्थान पर स्थापित कर पाए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की आवश्यकता व ग्रामीण परिवेश की समस्याओं को समझते हुए महाविद्यालय सदा नए कोर्स को लाने में प्रयासरत रहता है। इसका परिणाम यह है कि यूजीसी ने हमारे महाविद्यालय को 3 नए कोर्स दिए हैं। जिससे हमारे क्षेत्र की छात्राओं को और फायदा हो जाएगा। आज सोशल मीडिया का जमाना है जो दुनिया को छोटा करता है तथा हमें एक दूसरे के करीब लाता है। इसके नेगेटिव व पॉजिटिव दो पक्ष है। राष्ट्र व छात्राओं का विकास तभी संभव हो सकता है जब वे साइबर का पॉजिटिव पक्ष को अपनाएंगे। तत्पश्चात एन.सी.ई.आर.टी. से आए बी. पी. भारद्वाज जी ने कहा कि साइबर का प्रयोग सकारात्मक रूप में लेंगे तो राष्ट्र की उन्नति अधिक होगी। उन्होंने कहा कि साइबर का अत्यधिक प्रभाव स्टूडेंट्स पर पड़ता है तो इसका प्रभाव सकारात्मक होना अनिवार्य है I इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षण में नवाचार विचारों द्वारा अधिगम कराना बहुत आवश्यक है जिससे भावी अध्यापक अपने शिक्षण में इसका प्रयोग कर पाएंगे। जुडिशरी साइबर का प्रयोग करना चाहिए जिससे जीवन में सुरक्षा बनी रहे। इसके उपरांत सभी पदाधिकारियों के द्वारा सोविनियर को रिलीज किया गया, जिसमें शोधकर्ताओं ,प्रवक्ताओं व विद्यार्थियों के लेख छपे थे। इसके बाद प्रोफेसर जितेंद्र कुमार H.O.D. शिक्षा विभाग, एमडीयू, रोहतक ने कहा कि वैश्य बी.एड. कॉलेज अन्य सेल्फ फाइनेंस कॉलेज से अलग है। उन्होंने कहा कि साइबर वर्ल्ड का इंपैक्ट बहुत अधिक है। यहां पर आपको अच्छी व बुरी दोनों तरह की सामग्री मिलती है, इसका विद्यार्थियों को उचित प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फेसबुक व व्हाट्सएप आदि पर छात्राओं को अनावश्यक संदेश नहीं डालनी चाहिए केवल आवश्यक संदेशों को ही भेजने के लिए इनका प्रयोग करना चाहिए। साइबर वर्ल्ड हमें अनेक सुविधाएं प्रदान करता है, उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा में अग्रसर रहता है। तत्पश्चात डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी, एमडीयू, रोहतक से आई डॉक्टर प्रोमिला बत्रा ने सेल्फ सफिशिएंट के बारे में बताते हुए कहा कि हमें सेल्फ सफिशिएंट बनते हुए दूसरों की अच्छाइयों की तारीफ करनी चाहिए। उन्होंने Cyber Addiction And Reduced The Self के बारे में बताते हुए कहा कि साइबर एडिक्शन की वजह से अनेक बीमारियाँ होती है। 24 % विश्व के लोग इससे एडिक्ट है। उन्होंने कहा कि भारत के नागपुर शहर में 75 %, गांव में 70%, और मेट्रो सिटी में 80% इससे एडिट है। साइबर ट्रोलिंग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी आयु वर्ग के लोग वर्तमान समय में ट्रोलिंग करते हुए पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि खाली समय में हम इंटरनेट का उचित प्रयोग कर सकते हैं। इंटरनेट केवल तभी एक वरदान होगा जब हम सेल्फ सफिशिएंट होंगे। हमें जीवन में अपना एक लक्ष्य रखना चाहिए जिससे हमें जीवन में क्या चाहिए हमें यह पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सेल्फ सफिशिएंट और सेल्फ अस्टीम से इंटरनेट एडिक्शन से छुटकारा पा सकते हैं। इसके बाद प्रोफेसर डॉक्टर हेमंत लता शर्मा पूर्व अध्यक्ष शिक्षा विभाग, एमडीयू, रोहतक ने कहा कि शिक्षक को अपने कक्षा-कक्ष में तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए, जिससे शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को इंटरएक्टिव बनाया जा सके। उन्होंने टी – पैक के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाती है और यह केवल तभी किया जा सकता है जब हमें पता हो की कौन-सी तकनीकी किस संप्रत्यय के लिए उचित है। उन्होंने क्रिएटिव लर्निंग न ऑनलाइन एसेसमेंट के बारे में भी बताया। वर्तमान में तकनीकी का विशेषकर हमारे युवा वर्ग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। एक इंडियन फिलॉस्फर की प्रशंसा कर यूनेस्को ने कहा कि हमारा जीवन निम्न चार स्तंभो पर आधारित है – जो जानने के लिए सीखना, करने के लिए सीखना, साथ रहने के लिए सीखना, ज्यादा प्रयोग के लिए सीखना है ये सभी हमें संपूर्ण विकास की ओर ले जाती है। तत्पश्चात तकनीकी सत्र आरंभ किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ माधुरी हुड्डा , डॉक्टर नीरू राठी, डॉक्टर मेनका चौधरी व डॉ अश्विनी कश्यप ने की। जिन्होंने छात्राओं को साइबर वर्ल्ड के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों से अवगत कराया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर आशा शर्मा ने सभी रिसोर्स पर्सन्स का स्वागत स्मृति चिन्ह व तुलसी के पौधे देकर किया। जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों ,महाविद्यालयों के प्रवक्ताओं , शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने संगोष्ठी के विषय पर अपने शोध पत्र व लेखो द्वारा अपने विचार साझा किए। इन चर्चाओं ने सभी के विचारों को प्रभावित किया तथा साइबर वर्ल्ड के प्रयोग को बारीकी से समझाया। इस अवसर पर मैनेजमेंट के सभी पदाधिकारीगण श्री सतनारायण अग्रवाल, श्री राधे श्याम काबरा, श्री शिव नारायण गुप्ता, श्री एस. के. अग्रवाल, श्री पवन गोयल, श्री एम सी जोशी, श्री रोशन लाल गर्ग, श्री इंद्र कुमार नागपाल जी, श्री सुरेश अग्गरवाल, प्रवीण बंसल व मोहित अग्रवाल उपस्थित रहे।
