बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
मंगलवार को भाजपा स्थानीय इकाई द्वारा सेक्टर-6 स्थित सामुदायिक केंद्र के सभागार में अटल स्मृति काव्यांजलि सभा का आयोजन किया गया इस जिला स्तरीय आयोजन में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीर कुमार यादव द्वारा भारत रत्न अटल जी के दीप प्रज्वलन व जिलाध्यक्ष बिजेन्द्र दलाल सहित पार्टी के ज़िला संयोजक दिनेश शेखावत के साथ मीडिया प्रभारी सतबीर सिंह चौहान व सभी पदाधिकारियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई।
जिसमें राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दिल्ली व हरियाणा के कई जाने माने कवियों ने भाग लिया। लगभग तीन घंटे तक चले इस भव्य कार्यक्रम का मंच संचालन कलमवीर विचार मंच के संस्थापक कवि कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने किया।
इस काव्योत्सव का शुभारंभ गुरूग्राम के युवा कवि सुंदर कटारिया की अटल वंदना से हुआ। इस अवसर पर उन्होंने दादा की धोती सहित अपनी कई प्रसिद्ध रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बहादुरगढ़ के चर्चित कवि कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने अटल जी से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाने के अलावा अपनी कविताओं के माध्यम से भी उन्हें काव्यांजलि अर्पित की।
गुरूग्राम के वरिष्ठ ग़ज़लकार डॉ. घमंडी लाल अग्रवाल ने अटल जी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि….
मानव नहीं महामानव थे अटल बिहारी
भारतमाता के गौरव थे अटल बिहारी।
कुर्सी पाने को दल बदला नहीं कभी भी,
स्वभिमान का लिए विभव थे अटल बिहारी।
श्रोताओं के अनुरोध पर उन्होंने अपनी लोकप्रिय ग़ज़लें सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम में उपस्थित दिल्ली से पधारी एकमात्र कवयित्री रजनी अवनि ने अटल जी को याद करते हुए कहा…
*भारत माँ के राजदुलारे,जन-जन के वे प्यारे थे। राजनीति के शिखर पुरुष थे,सचमुच ही ध्रुवतारे थे।नेक इरादे,नेक विचारों की करते जो बात सदा। राष्ट्र प्रेम के लिए जिये जो, ऐसे अटल हमारे थे।*
उन्होंने भारतीय संस्कृति व लुप्त होती जा रही पारिवारिक परंपराओं के अलावा आए दिन हो रहे गैंगरेप पर भी चिंता जताई।उनकी रचना *रोज़ जन्म लेगा रावण तो सीता कौन बचाएगा* बेहद पसंद की गई।
झज्जर से पधारे हरियाणवी हास्य कवि मास्टर महेन्द्र ने भी अपने काव्यपाठ का शुभारंभ अटल जी को समर्पित अपनी एक रचना से किया…
जो राजनीति का शिखर पुरुष और संसद का सम्मान रह्य
जिसकी हर शैली का कायल पूरा हिन्दुस्तान रह्या।
बन्द बन्द मैं भाव भरे थे भीत्तर बैठ्ठी कविताई
कला और अभिव्यक्ति जिसके धोरै रहकै गर्वाई।
ईसा गजब का बोलणिया था करग्या कति कमाल गजब
हिन्दी मार दुहात्तड़ रोयी चल्या गया वो लाल गजब।
इस अवसर पर उन्होंने दादा की धोती सहित अपनी कई प्रसिद्ध रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
*जीत हार से ऊपर थे वे,कभी न उलझे मोलभाव में।अटल अटल थे, कभी झुके न,महाशक्तियों के दबाव में।*
तुमने महल गढ़े अच्छाईयों के और पैर उखाडे़ आतताईयो के।
सच्चाई के थे तुम प्रणेता,सम्बल बने रहे सब भाईयों के।आसमान फूट फूट के रोया जब खबर सुनी थी मरण की,अब के दरखत वो गया है जो टेक था पर्यावरण की ।
इसके बाद उन्होंने *बनवारी का रक्षाबंधन* सहित अपनी कई हरियाणवी हास्य रचनाओं से लोगों को पेट पकड़ने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी कवियों को शाल व पुष्पहार भेंट कर सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन में ज़िला महामन्त्री सीमा दहिया, प्रधान रनबीर राठी, सन्दीप दहिया, रवीन्द्र छिकारा, संदीप ग़ुलीया, राजपाल शर्मा, अटल मण्डल अध्यक्ष विजय शेखावत,अनिल सिंगल, देवेन्द्र चौहान, सुनील रंगा आदि अनेको भाजपा नेता सहित जिले के सैंकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।