बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार…
शहर के ट्रिपल सी रोहतक रोड पूर्व जिला परिषद चेयरमैन व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतीश छिकारा कार्यालय पर शनिवार को पूर्ण बाईपास संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, गाँवो व लाइन पार के प्रमुख व्यक्तियों ने शिरकत की और सभी ने सतीश छिकारा द्वारा उठाये गए जनहित मुद्दों पर खुला समर्थन दिया और भविष्य में इन मुद्दों के लिए तनमन धन से साथ देने की बात कही। साथ ही संघर्ष समिति ने 15 जुलाई रविवार को लाइनपार में विशाल धरना प्रदर्शन करने की बात संघर्ष समिति अध्यक्ष व पूर्व जिला परिषद चैयरमैन सतीश छिकारा ने कही। उन्होंने कहा कि उत्तरी बहादुरगढ़ के गांव के लोगो द्वारा पूर्ण बाईपास संघर्ष समिति का गठन के बाद समिति के पदाधिकारियों ने फैसला लिया है कि अब सरकार को जगाने के लिए जन आंदोलन होगा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता तौर पर पुरुषोत्तम कानौंदा ने सम्बोंधित किया। पूर्ण बाईपास संघर्ष समिति अध्यक्ष व पूर्व जिला परिषद चेयरमैन सतीश छिकारा ने जानकारी देते हुए बताया कि
● 1. पूर्ण रुप से उतरी बाईपास बनाने की मांग :
पूर्व जिला परिषद चेयरमेन सतीश छिकारा ने कहा कि दक्षिणी बाईपास पूर्ण रुप से बना हुआ है, इसलिए उसके दोनों तरफ विकास की बहार है। बहादुरगढ़ का पूर्ण विकास करना है, तो दक्षिणी बाईपास की तरह उत्तरी बाईपास को भी दोनों तरफ से नेशनल हाईवे तक जोड़ा जाना चाहिए। हमें पता लगा है कि बराही रोड़ व बामनौली के बीच में ड्रेन के ऊपर दोनों तरफ रोड़ बनाने की सरकार की मंशा है। जिसको पूर्ण बाईपास नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि यह सरकारी रुपयों का दुरुपयोग है।
जनता का सुझाव है कि सरकार को चाहिए जितने रुपये इस काम मे लगे इन्ही रुपयों को पूर्ण उत्तरी बाईपास में मिलाकर बहादुरगढ़ के चौमुखी विकास के लिए उत्तरी बाईपास का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि इसके आस-पास भी सही ढंग से रिहायशी ओद्योगिक व रोजगार पूरक संस्थानों की प्लानिंग हो सकें और इसके आस-पास रहने वाले लोगो का जीवन स्तर भी ऊपर उठ सके। क्योंकि जिस तरह से दक्षिणी बाईपास के दोनों तरफ दूर तक 5-5 करोड़ प्रति एकड़ के भाव हैं। यहाँ के किसानों को भी जमीन के ऊंचे भाव मिल सकें और यह एरिया भी कच्ची कालोनियां जैसे दिल्ली में बहुत सारी पुरी बनी हुई को लगाम लग सकें।
● 2. सरकार से बहादुरगढ़ शहर की अवैध कॉलोनियों को स्थाई करने की मांग :
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतीश छिकारा ने कहा कि बहादुरगढ़ शहर की करीब 27 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की बात काफी लंबे समय से चली आ रही है। और इन कॉलोनियों में लाखों लोग सरकारी सुविधाओं के बिना अपना जीवन यापन कर रहें है। जो इन लोगों के साथ घोर अन्याय हैं। सरकार को चाहिए कि इन कालोनियों में रहने वाले लोगो को मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली,पानी, सड़क, सिविर, पार्क आदि की सुविधा जनहित को देखते हुए जल्दी से जल्दी देनी चाहिए। और भविष्य में बिना प्लानिंग के कच्ची कालोनियां बनने पर रोक लगनी चाहिए।
● 3. देश को धर्म व जातियों के आधार पर बाटने की बजाए देश में “एक देश एक कानून” की नीति लागू हो ताकि देश के नागरिक धर्म व जाति में न फँसकर अपने व परिवार के व देश-प्रदेश के विकास के लिए भागीदारी सुनिश्चित करें। जैसे हम दो हमारे दो की नीति लागू हो। देश के सभी जनप्रतिनिधियों को सामान पेंशन का अधिकार हो जिस तरीके से विधायक व सांसद को पेंशन का प्रावधान है। पंचायत व लोकल बॉडीज के सदस्य को पेंशन का अधिकार नही है। जबकि ये भी 5 साल के लिए जनता द्वारा चुने जाते हैं। हमारा सुझाव है कि या तो सभी के लिए अनिवार्य हो या किसी के लिए भी अनिवार्य न हों। गरीब अमीर सभी को शिक्षा,स्वास्थ्य, सुरक्षा व रोजगार के सबकों सामान अवसर मिले। अन्य आदि इसमें अनेक मुद्दे सम्मिलित किए जा सकते है। जो देश को मजबूत व विकासशील बनाने में काम आ सकते है।
● 4. केंद्र सरकार को पेट्रोल,डीजल व शराब को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। ताकि देश के किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी व हर नागरिक को इस कमरतोड़ महंगाई से ना जूझना पड़े।
●उपरोक्त सभी मुद्दों को प्रदेश व केंद्र सरकार जनहित में तुरन्त प्रभाव से लागू करें। ताकि जिस आशा व उम्मीद से जनता ने इतना भारी समर्थन देकर सरकार को बनाया मगर सरकार जनता के प्रति खरी उतरने में नाकाम साबित हुई है। समय देने के बावजूद भी प्रदेश व केंद्र की सरकार ने इन मुद्दों की तरफ ध्यान नही दिया अब जागरूक लोगों को जनता के बीच जाकर आम नागरिकों के हकों के लिए जन आंदोलन लाइनपार में होगा।
इस अवसर पर तारीफ सिंह छिल्लर, अजीत सिंह बराही, पूर्व प्रधान रामकिशन लड़रावण, पूर्व प्रधान रामकुवार कुलासी, मास्टर बलजीत दलाल, डॉ0 महताब दलाल, महाबीर नम्बरदार, ज्ञान राठी, मास्टर अनूप, सुनील अहलावत, हवा पहलवान, जस्सू, महाबीर जाखौदा, रोशन लाल आर्य, अमित निलौठी, यशपाल मुकुंदपुर, जगबीर प्रधान, प्रीत बामनौली, कपूर सिंघल, सतपाल बुरा, बंटी, राजेश निलौठी, अजीत खैरपुर, दिलबाग लौहारहेड़ी आदि मौजूद रहे।