बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
शहर के नया गांव रोड स्थित गौ एवं वन्य जीव उपचार केन्द्र में रविवार को साप्ताहिक हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। हवन यज्ञ को विधिवत रूप से पण्डित अमित मिश्रा ने संपन्न करवाया। हवन यज्ञ पर जजमान के रूप में नरेश सिंघल उपस्थित रहे। हवन यज्ञ के पश्चात गौमाता की आरती की गई। इसके पश्चात गौधन सेवा समिति के सदस्यों ने महान क्रान्तिकारी मंगल पांडे के बलिदान दिवस पर अपने विचार रखे। समिति सदस्यों ने बताया कि मंगल पांडे अंग्रेजी शासन के विरूद्ध चले लम्बे संग्राम का बिगुल बजाने वाले पहले क्रान्तिकारी थे। वे युवावस्था में ही सेना में भर्ती हो गये थे। अंग्रेज जानते थे कि हिन्दू गाय को पवित्र मानते हैं, जबकि मुसलमान सूअर से घृणा करते हैं। फिर भी वे सैनिकों को जो कारतूस देते थे, उनमें गाय व सूअर की चर्बी मिली होती थी। इन्हे सैनिक अपने मुृंह से खोलते थे, पर सैनिकों को इसका सच मालूम नहीं था। मंगल पांडे को इसकी जानकारी पानी पिलाने वाले एक हिन्दू सैनिक ने दी। मंगल पांडे से रहा नहीं गया। उन्होंने 29 मार्च 1857 को विद्रोह कर दिया। मंगल पांडे ने कई अंग्रेज अफसरों को मार दिया। मंगल पांडे को अंगेज सैनिकों ने पकड़ लिया। सैनिक न्यायालय में उनपर मुकदमा चलाया गया और उन्हे फांसी की सजा दी गई। 8 अप्रैल 1857 को उनको फांसी दी गई। मंगल पांडे ने क्रान्ति की जो मशाल जलाई, उसने आगे चलकर 1857 के व्यापक स्वाधीनता संग्राम का रूप लिया। यद्यपि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ पर प्रथम क्रान्तिकारी मंगल पांडे के बलिदान को सदा श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाता है। इस अवसर पर गौधन सेवा समिति के रमेश राठी, बिजेन्द्र राठी, सोनू बंसल, नरेश सिंघल, ललित यादव, कृष्ण चावला, संदीप आर्य, अमित आर्य सहित अनेक समिति सदस्य उपस्थित रहे।
