बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
जनसंपर्क केवल पत्रकारिता की किसी अन्य विधा से जुड़े व्यक्ति के लिए ही नहीं , किसी भी सामाजिक व्यक्ति के लिए जरूरी है | जनसम्पर्क शब्द 19 वी सदी में अस्तित्व में आया लेकिन इस कला के स्रोत हमें इतिहास में अशोक के शासन काल में भारत और पडोसी देशों में हुए बौद्ध धर्म के प्रचार के समय से मिलते हैं | यह बात गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार के कम्युनिकेशन मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर मिहिर रंजन पात्रा ने बी एल एस तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थान में जन संपर्क और प्रायोगिक पक्ष विषय पर आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप में छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कही | प्रोफ़ेसर पात्रा ने कहा जनसंपर्क का सबसे संगठित प्रयास अशोक और बुद्ध के काल में देखने को मिला। उस दौर में बौद्व धर्म को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए उपदेशों के अलावा स्थापत्य कला का भी भरपूर प्रयोग करने के साथ ही स्तूपों, शिलालेखों का बड़े स्तर पर निर्माण करवाया गया। उदारीकरण दौर के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश तथा व्यवसायीकरण के साथ देश में जनसंपर्क को बढ़ावा मिलने लगा है। भावी स्पर्धा के दौर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बराबरी करने के लिए सरकारी तथा गैरसरकारी क्षेत्र के संगठनों में भी जनसंपर्क कार्य-क्षेत्र को महत्व दिया जाने लगा है। आज देश मे राजनेता, अभिनेता, कारपोरेट आर्गेनाईजेशन और ब्यूरोक्रेट्स भी जनसंपर्क का इस्तेमाल इमेज बिल्डिंग एवं पर्सनल ब्रांडिंग के लिये करने लगे हैं।
उन्होंने कहा वैश्वीकरण ने जन-संपर्क का क्षेत्र और अधिक व्यापक बना दिया है। भारत में प्रशासन और सरकार और जनता के मध्य पारदर्शिता लाने में जनसम्पर्क की निर्विवाद भूमिका बनती है। राजनीतिक कार्यों में जनसम्पर्क का महत्व बढ़ने लगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की इमेज बनाने में जनसम्पर्क की भूमिका को बहुत सहज तरीके से उदाहरण देकर समझाया | प्रोफ़ेसर पात्रा ने कहा कि पब्लिक रिलेशन एक स्मार्ट मूव है जिसकी मदद से हम कुछ छोटे आयोजन कर लोगो का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं | इसमें तो कोई ज्यादा खर्च होता है लेकिन यह लोगों के जेहन में लम्बे समय तक बरकरार रहता है | प्रोफ़ेसर पात्रा ने कहा पत्रकारिता में अगर छात्र छात्राओं को सफल होना है तो नियमित रूप से लिखने और पढ़ने की आदत डालनी होगी क्युकि इस फील्ड में कड़ी मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने छात्र छात्राओं से अपनी दिनचर्या में नियमित समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालने की बात कही जिससे देश दुनिया की बदलती घटनाओं की सही तस्वीर से वह रूबरू हो सकें |
इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉक्टर नरेन्दर शर्मा ने कहा जनसंपर्क में किसी व्यक्ति या संगठन तथा इस क्षेत्र से संबंधित लोगों के बीच संपर्क स्थापित किया जाता है। डॉ शर्मा ने कहा समय के बदलाव के साथ जनसंपर्क की अवधारणा और उसकी प्रकृति में भी बदलाव आया है। जनसंपर्क का क्षेत्र आज बेहद बढ़ा गया हो गया है जिसके तहत नए नए प्रयोग हो रहे हैं | पत्रकारिता विभाग की सहायक प्रोफ़ेसर डॉ रजनी राठी ने इस मौके पर कहा जनसंपर्क तमाम संचार माध्यमों और संस्थान के बीच की कड़ी है | उन्होंने कहा जनसंपर्क क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। यही वजह है युवा वर्ग का ध्यान हाल के वर्षों में इस ओर तेजी से आकर्षित हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने कार्यशाला के दूसरे सत्र में छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा किसी भी संस्था की साख बनाने के लिए जनसंपर्क एक जरूरी है। सरकारों के अलावा निजी संस्थाएं भी जनसंपर्क के माध्यम से अपनी साख बनाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा आज हर क्षेत्र में पीआर की आवश्यकता महसूस की जा रही है । जनसंपर्क अधिकारी बनने के लिए सामान्य ज्ञान तथा भाषा पर पकड़ होना आवश्यक है, ताकि बदलते परिवेश की प्रत्येक जानकारी को नजर में रखा जा सके। उन्होंने छात्रों को पब्लिक रिलेशन में प्रेस कांफ्रेंस और प्रेस रिलीज के महत्त्व के बारे में भी बताया | इस अवसर पर छात्र छात्राओं के लिए एक मॉक प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित की गई जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की भूमिका पत्रकारिता विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र रवि , उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भूमिका में दूसरे वर्ष के छात्र शिवम मिश्रा नजर आये | छात्र छात्राओं ने इस दौरान पत्रकार बन उनसे दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर सवाल पूछे |
पत्रकारिता विभाग के समन्वयक हर्षवर्धन पाण्डे ने कार्यक्रम के समापन पर अतिथियों का आभार जताया। पांडे ने कहा मीडिया में आने वाले युवाओं की समसामयिक विषयों पर गहरी पकड़ के साथ भाषा पर गहरी पकड़ होनी जरूरी है | मीडिया में हर दिन चीजें बदलती हैं इस लिहाज से सभी को लिखने और पढ़ने की आदत पत्रकारिता की पढ़ाई के समय से ही डालनी होगी तभी वह आगे निकल पाएंगे | इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।।
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