बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
नगर परिषद ने 22 सितंबर को विशेष बैठक बुलाकर करीब पौने दो करोड़ रुपए की एलईडी लाइटें खरीदने के लिए रेट मंजूर किए थे। उसी दिन नगर परिषद द्वारा जारी 18 वर्क ऑर्डरों में एजेंसी को 20 दिन के भीतर लाइटें लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन शहर में लगने वाली स्ट्रीट लाइटों की वर्क आर्डर के अनुसार समय सीमा खत्म हुए भी लगभग एक महीना बीत चुका है। जबकि ना तो पूरे शहर में लाइट लगाई गई है और ना ही वर्क आर्डर के अनुसार ठेकेदार पर लाइट ना देने के मामले में कोई जुर्माना लगाया गया है। यह आरोप शनिवार को पार्षद संदीप कुमार, रमन यादव, शशि कुमार, कपूर राठी व सोनू दलाल आदि ने पत्रकारवार्ता के दौरान लगाए।
पत्रकारवार्ता के दौरान पार्षदों ने बताया कि नगर परिषद ने 22 सितंबर की बैठक में रेट मंजूर करने के साथ ही उसी दिन 18 वर्क ऑर्डर जारी कर दिए थे। जिसमें साफ लिखा था कि 20 दिन के भीतर कंपनी ने लाइट नहीं लगाई तो प्रतिदिन एक प्रतिशत और अधिकतम 10 प्रतिशत पेनल्टी की शर्त लगाई गई थी। यह समयावधि 12 अक्तूबर को समाप्त हो चुकी है। इस डेडलाइन को बीते भी एक महीना गुजर चुका है, लेकिन अब तक ना तो शहर में लाइटें लगाई गई और ना ही एजेंसियों पर पेनल्टी लगा कर उनसे काम करवाने की दिशा में कोई कार्यवाही की जा रही है। पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि प्रधान शीला राठी ने दीपावली से पहले शहर को जगमग करने की घोषणा की थी, लेकिन दिवाली को भी लगभग एक महीना बीत चुका है और शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। एक तरफ प्रधान बिना भेदभाव के सभी वार्डों में काम करवाने की बात करते हैं, जबकि दूसरी तरफ काम करने का केवल दिखावा किया जा रहा है। अधिकांश वार्ड पूरी तरह उपेक्षित हैं। पार्षद शशि कुमार ने बताया कि उनका वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और उन्हें निर्वाचित हुए डेढ़ साल हो गया है, इस दौरान उनके वार्ड में एक भी लाईट नहीं लगाई गई है। पार्षद संदीप कुमार, रमन यादव, शशि कुमार, कपूर राठी व सोनू दलाल ने बताया कि उन्होंने जनता द्वारा सुझाए गए प्वाइंटों की सूची लिखित में नगर परिषद अधिकारियों को सौंप रखी है, लेकिन अब तक एक भी लाइट नहीं लगाई गई। जिससे एक तरफ सबका साथ सबका विकास करवाने के भाजपा विधायक के दावे की पोल खुल रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेसी प्रधान के बिना भेदभाव काम करवाने का झूठ सामने आ रहा है। पार्षदों ने सभी वार्डों में टेंडरों के अनुसार बिना किसी देरी के निर्धारित स्ट्रीट लाइटें लगवाने की मांग की, क्योंकि यदि यही हाल रहा तो वार्ड की जनता नगर परिषद के खिलाफ अपने हको की लडाई लडने के लिए सडको पर उतर कर धरने प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएगी। जिसकी जिम्मेवार नगर परिषद की जनता के काम ना करने की लचर कार्यशैली होगी।
