बहादुरगढ़़ आज तक, विनोद कुमार
आधुनिक भारत के महान चिंतक, समाज सुधारक व आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर उन्हें याद किया गया। झज्जर भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष डॉ. नीना सतपाल राठी ने दिल्ली-रोहतक रोड स्थित अपने कार्यालय पर उन्हें कोटि-कोटि नमन किया। इस मौके पर उन्होंने उपस्थितजन को उनकी शिक्षाओं के बारे में बताते हुए कहा कि वे सामाजिक कुरीतियों को दूर करने वाले संन्यासी योद्धा व आधुनिक भारत के महान चिंतक के रूप में उनके वचार युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
डॉ. नीना सतपाल राठी ने कहा भारत में कई ऐसे महापुरुषों का जन्म हुआ है जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान से पूरी दुनिया का मार्गदर्शन किया। ऐसे ही एक महान व्यक्ति हैं स्वामी दयानंद सरस्वती। उन्होंने तत्कालीन समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, रूढिय़ों, बुराईयों व पांखड़ों का विरोध किया। जिससे वे संन्यासी योद्धा कहलाए। उन्होंने जन्मना जाति का विरोध किया और कर्म के आधार पर वेदानुकूल वर्ण निर्धारण की बात कही। उन्होंने स्त्रियों की शिक्षा के लिए प्रबल आंदोलन चलाया और उनके साथ होने वाले भेदभाव जैसी सामाजिक बुराईयों का विरोध किया। उन्होंने बाल विवाह और सती प्रथा का निषेध किया। उनके दार्शनिक विचार वेदानुकूल थे। उन्होंने यह भी माना कि जीव कर्म करने में स्वतंत्र है और फल भोगने में परतंत्र है। स्वामी दयानंद सरस्वती सभी धर्मानुयायियों को एक मंच पर लाकर एकता स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील थे। उन्होंने समाज सुधार के लिए अनेक कार्य किए। वे एक संन्यासी व चिंतक थे। डॉ. नीना सतपाल राठी ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती एक दृरदृष्टा थे। जिन्होंने शिक्षा और सामाजिक सुधारों से लोगों का जीवन उन्नत बनाया। वे आर्य समाज के प्रवर्तक व महान समाज सुधारक के तौर पर जाने जाते हैं। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों से प्रभावित महापुरुषों की संख्या असंख्य है।