बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में गांव निलोठी में महिला कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में किसान महिलाएं मौजूद रहीं। भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल के नेतृत्व में 5 राज्यो के किसानों का धरना 52वे दिन भी जारी रहा। किसानों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता लक्ष्मी अहलावत, बीरो, बेटी मेघा, बेटी दीक्षा, बेटी सविता, राजो देवी, निर्मला, नीलम, स्वेता, पूनम, मधु, मुन्नी, यशवंती, बबिता, प्रिया, सुनीता आदि महिलाओं ने अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नही है। हमे बेटियो को बचाने के साथ साथ बेटियो को पढ़ाने की आवश्यकता है ताकि बेटियां सशक्त होने के साथ-साथ आगे बढ़ सके। वक्ता लक्ष्मी अहलावत, किसान महिला बीरो ने कहा कि किसानों की हक की लड़ाई के लिए किसान नेता रमेश दलाल लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि “म्हारी छोरी छोरा से कम कौनी” है। हमें बेटियों को भी बेटों की तरह आजादी देनी होगी। उन्होंने कहा कि 3 कृषि कानून रद्द करवाएंगे और अपनी जमीन का उचित मुआवजा भी लेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसान सड़क पर अपनी लड़ाई लड़ने पर मजबूर है। सरकार जागना चाहिए और अन्नदाताओं की सुननी चाहिए ताकि उनकी सभी मांगे पूरी हो सकें। बेटी मेघा, बेटी दीक्षा, बेटी सविता ने कहा कि बिना संघर्ष महिलाओं को जीवन मे कुछ नही मिलेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने हको की लड़ाई एकजुट होकर लड़नी होगी। महिलाओं को हर क्षेत्र में नौकरियां बराबर मिलनी चाहिए।
भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष रमेश दलाल ने पत्रकारवार्ता के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 21 मार्च 2021 रविवार को “पगड़ी संभाल किसान रैली” होगी। उन्होंने कहा कि किसानों की लड़ाई में महिलाओं ने शुरू से अपनी भागीदारी निभाई है जो सराहनीय है। किसान नेता रमेश दलाल द्वारा महिलाओं के हक के लिए उनकी सशक्त आवाज बनने व उनके अधिकारों के लिए निरंतर आवाज उठाते रहने पर उनके कार्यों की जमकर प्रशंसा भी की। उन्होंने महिलाओं को अपने हकों की लड़ाई लड़ने और अधिकारों के बारे जागरूक किया। किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि 3 कृषि कानून को रद्द करवाने और जमीन का उचित मुआवजा दिलवाने को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बराबरी का हक मिलना चाहिए और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगनी चाहिए।