बहादुरगढ़ आज तक, विनोद कुमार
पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्यक्ति अपनी तरफ से प्रयास में जुटा है। इसी तरह का प्रयास शहर के शहीद भगत सिंह पार्क में एक 85 वर्षीय इशारो नामक बुजुर्ग महिला पिछले 7 साल से कर रही हैं। इस बुजुर्ग महिला ने 7 साल पहले शहीद भगत सिंह पार्क में एक त्रिवेणी लगाई। इस त्रिवेणी में उन्होंने नीम, पीपल व बरगद के पौधे लगाए। इशारो देवी अपने लगाए पौधों में पिछले 7 साल से हर रोज पानी देती है व उनकी देखभाल करती है। पीपल व बरगद के पौधों को तो कोई नहीं तोड़ता, परन्त नीम के पौधे को लोग दातुन के लिए हर रोज तोड़ने लगें। परन्तु 85 वर्षीय इशारो देवी ने हार नहीं मानी। वह पिछले 7 साल से कांटेदार झाड़ियां काटकर लाती है और अपनी त्रिवेणी के पौधों के चारो ओर इन कटीली झाड़ियों को लगती हैं। इस प्रकार एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला पिछले 7 साल से दातुन के लिए नीम तोड़ने वालों से अपने नीम के साथ-साथ पीपल व बरगद के पेड़ों को भी बचाती आ रही है। जबकि दातुन के लिए नीम को तोड़ने वाले अधिकतर युवा हैं। गौरतलब है कि शहीद भगत सिंह पार्क में आज तक सैकडों त्रिवेणी के पौधें लोगों द्वारा लगाए गए। त्रिवेणी के इन पौधों में से पीपल व बरगद के तो अनेक पौधे आज भी हरे भरे हैं। परंतु इनके साथ लगे सैकड़ो नीम के पौधों को लोगों ने दातुन के लिए तोड़ तोड़ कर कभी बड़ा ही नहीं होने दिया। इतने बड़े पार्क में नीम का केवल एक ही पौधा है जो धीरे-धीरे पेड़ का रूप ले रहा है। इस नीम के पेड़ को बचाने में 85 वर्षीय कच्चा बाग निवासी बुजुर्ग महिला इशारो देवी की मेहनत है। उन युवाओं को शर्म आनी चाहिए जो आज भी इस बुजुर्ग महिला द्वारा बचाए गए नीम को दातुन के लिए, इस बुजुर्ग से लड़ाई करके तोड़ने की कोशिश में लगे रहते हैं। इस 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला से हम सभी को पर्यावरण का महत्व समझना चाहिए।